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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया बड़ा ऐलान, घरेलू कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स घटा - Economic slowdown in the country

सरकार ने आर्थिक वृद्धि दर को गति देने के लिये बड़ी घोषणा करते हुए शुक्रवार को कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर घटा दी. अब घरेलू कंपनियों के लिये सभी अधिशेषों और उपकर समेत कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर 25.17 प्रतिशत होगी.

जीएसटी काउंसिल बैठक से पहले वित्त मंत्री करेंगी प्रेस कांफ्रेंस

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Published : Sep 20, 2019, 10:13 AM IST

Updated : Oct 1, 2019, 7:27 AM IST

नई दिल्ली: देश में आर्थिक सुस्‍ती के माहौल को दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पावर बूस्टर डोज देने में लगी हुई हैं. आज गोवा में होने वाली गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की 37वीं अहम बैठक के पहले वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

सरकार ने आर्थिक वृद्धि दर को गति देने के लिये बड़ी घोषणा करते हुए शुक्रवार को कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर घटा दी. अब घरेलू कंपनियों के लिये सभी अधिशेषों और उपकर समेत कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर 25.17 प्रतिशत होगी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया बड़ा ऐलान, घरेलू कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स घटा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नयी दर इस वित्त वर्ष के एक अप्रैल से प्रभावी होगी. उन्होंने कहा कि दर कम करने तथा अन्य घोषणाओं से राजस्व में सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है.

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सीतारमण ने कहा कि निवेश और आर्थिक वृद्धि दर को गति देने के लिये ये कदम उठाये गये हैं. यदि कोई घरेलू कंपनी किसी भी प्रोत्साहन का लाभ नहीं लें तो उनके लिये कॉरपोरेट कर की दर 22 प्रतिशत होगी. उन्होंने कहा कि आयकर अधिनियम तथा वित्त अधिनियम में किये गये बदलाव अध्यादेश के जरिये अमल में लाये जाएंगे. उन्होंने कहा कि 22 प्रतिशत की दर से आयकर भुगतान करने का विकल्प चुनने वाली कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक कर देने की जरूरत नहीं होगी.

वित्तमंत्री ने कहा कि एक अक्टूबर के बाद बनने वाली घरेलू विनिर्माण कंपनियां बिना किसी प्रोत्साहन के 15 प्रतिशत की दर से आयकर भुगतान कर सकेंगी. इनके लिये अधिशेषों और उपकर समेत कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर 17.01 प्रतिशत होगी. उन्होंने कहा कि छूट का लाभ उठा रही कंपनियां इनकी अवधि समाप्त होने के बाद कम दर पर कर का भुगतान करने का विकल्प चुन सकती हैं.

सरकार ने प्रतिभूति लेन-देन कर की देनदारी वाली कंपनियों के शेयरों की बिक्री से हुए पूंजीगत लाभ पर बजट में प्रस्तावित उपकर को भी वापस लेने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिये डेरिवेटिव समेत प्रतिभूतियों की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ पर धनाढ्य-उपकर समाप्त करने का भी निर्णय लिया गया है.

वित्तमंत्री ने एक अन्य राहत देते हुए कहा कि जिन सूचीबद्ध कंपनियों ने पांच जुलाई से पहले शेयरों की पुनर्खरीद की घोषणा की है, उन्हें भी धनाढ्य-उपकर नहीं देना होगा. कंपनियों को अब दो प्रतिशत कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) इनक्यूबेशन, आईआईटी, एनआईटी और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं पर खर्च करने की भी छूट दी गयी है.

सीतारमण ने कर में छूट से मेक इन इंडिया में निवेश आने तथा रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने का भरोसा जाहिर किया. उन्होंने कहा कि इससे अधिक राजस्व प्राप्त होगा.

निर्मला सीतारमण की प्रेस मीट की मुख्य बातें:-

  • निवेश करने वाली कंपनियों पर 15 फीसदी का टैक्‍स लगेगा
  • मैन्‍युफैक्‍चरिंग कंपनियों के लिए भी टैक्‍स घटेगा
  • बिना किसी छूट के इनकम टैक्‍स 22 फीसदी होगा
  • सरकार को इस ऐलान के बाद 1.45 लाख करोड़ का नुकसान होगा
  • इक्‍विटी कैपिटल गेंस पर से सरचार्ज हटा दिया गया है
  • शेयर बायबैक पर 20 फीसदी का टैक्‍स नहीं लगेगा
Last Updated : Oct 1, 2019, 7:27 AM IST

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