रक्षा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाकर 51 प्रतिशत करने की जरूरत: अध्ययन - FDI Foreign Direct Investment
अध्ययन में विशेष जोर देकर कहा गया है कि एफडीआई सीमा बढ़ाए जाने से नए संयंत्र स्थापित करने और मौजूदा संयंत्रों का स्तर बढ़ाने के लिए देश में पूंजी लाने में मदद मिलेगी. साथ ही इससे बड़े स्तर पर रोजगार भी पैदा होगा.
नई दिल्ली: उद्योग मंडल एसोचैम के एक अध्ययन के अनुसार देश के रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाकर 51 प्रतिशत की जानी चाहिए और इसके लिए वैश्विक कंपनियों पर कोई रोक-टोक नहीं होनी चाहिए. इससे उन्हें संयुक्त उपक्रम पर पर्याप्त नियंत्रण स्थापित करने में आसानी होगी और देश में ज्यादा रोजगार सृजित होंगे.
एसोचैम ने वैश्विक परामर्शक फर्म बीडीओ के साथ मिलकर यह अध्ययन किया है. संयुक्त रपट के अनुसार, "सरकार को रक्षा क्षेत्र में 'आधुनिक प्रौद्योगिकी' लाने पर बिना किसी रोक-टोक के साथ न्यूनतम 51 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देनी चाहिए. इससे रक्षा उत्पाद बनाने वाली अंततराष्ट्रीय कंपनियों को संयुक्त उपक्रम चलाने, बौद्धिक संपदा अधिकार और उत्पाद गुणवत्ता पर पर्याप्त नियंत्रण प्राप्त होगा."
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अध्ययन में विशेष जोर देकर कहा गया है कि एफडीआई सीमा बढ़ाए जाने से नए संयंत्र स्थापित करने और मौजूदा संयंत्रों का स्तर बढ़ाने के लिए देश में पूंजी लाने में मदद मिलेगी. साथ ही इससे बड़े स्तर पर रोजगार भी पैदा होगा.
रपट में कहा गया है कि सरकार को शोध एवं विकास क्षेत्र को फिर से मजबूत करना चाहिए और कर छूट देना चाहिए ताकि छोटे उद्योगों की ओर से प्रौद्योगिकी नवोन्मेष में निवेश को प्रोत्साहन मिले.