मुंबई: बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज ने कहा है कि भारत को कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने से वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान चालू खाता घाटे (कैड) में 0.25 प्रतिशत से 0.70 प्रतिशत तक कमी लाने में मदद मिलेगी. यह अनुमान इस मान्यता पर आधारित है कि अगले वित्त वर्ष में वैश्विक बाजार में तेल का भाव 36 डालर प्रति बैरल के आसपास रहेगा.
चीन में जनवरी में कोरोना वायरस की संक्रामक बीमारी के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में 45 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है. यह महामारी अब 110 से अधिक देशों में फैल चुकी है.
ओपेक देशों की बैठक में कच्चे तेल की कीमतों में कटौती पर रूस के सहमत नहीं होने के बाद सऊदी अरब ने तेल का उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया. मांग में पहले से ही नरमी का सामना कर रहे तेल बाजार में आपूर्ति बढ़ने की आशंकाओं से सोमवार को कच्चे तेल का बाजार 30 प्रतिशत टूट गया था.
ब्रोकरेज कंपनी ने बुधवार को एक टिप्पणी में कहा कि उसका अनुमान इस धारणा पर आधारित है कि कच्चे तेल की कीमत अगले वित्त वर्ष के दौरान 36 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी रहेंगी.