दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

विशेष: पीएम गरीब कल्याण योजना के लिए 20 करोड़ जन धन खातों का विवरण एक दिन में किया गया एकत्रित

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि डीएफएस द्वारा डेटा को 26 मार्च को मांगा गया था और बैंकों को उस तारीख को ही जमा करने की सलाह दी गई थी और डीएफएस के निर्देशों का अनुपालन किया गया था.

विशेष: पीएम गरीब कल्याण योजना के लिए 20 करोड़ जन धन खातों का विवरण एक दिन में किया गया एकत्रित
विशेष: पीएम गरीब कल्याण योजना के लिए 20 करोड़ जन धन खातों का विवरण एक दिन में किया गया एकत्रित

By

Published : Mar 30, 2020, 9:00 PM IST

Updated : Mar 30, 2020, 9:38 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के प्रतिकूल प्रभाव से भारत के गरीबों के एक बड़े हिस्से को वित्तीय रूप से बचाने के लिए तेजी से काम कर रही है. इसने पीएम गरीब कल्याण योजना की घोषणा के उसी दिन 20 करोड़ से अधिक महिला जन धन खाताधारकों का डेटा एकत्र किया, जिसका उद्देश्य लॉकडाउन अवधि के दौरान 80 करोड़ गरीब लोगों के हाथों में भोजन, ईंधन और कुछ नकदी प्रदान करना था.

पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत, केंद्र सरकार अगले तीन महीनों में अपने हाथों में डिस्पोजेबल नकदी के रूप में 20.40 करोड़ से अधिक महिला जन धन खाता धारकों को प्रति माह 5,00 रुपये प्रदान करेगी.

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया, "डीएफएस द्वारा डेटा को 26 मार्च को मांगा गया था और बैंकों को उस तारीख को ही जमा करने की सलाह दी गई थी और डीएफएस के निर्देशों का अनुपालन किया गया था."

वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस), जो देश में बैंकिंग, बीमा और वित्तीय संस्थानों की निगरानी के लिए वित्त मंत्रालय के तहत नोडल विभाग है, ने उसी दिन 20.40 करोड़ पात्र खाताधारकों का डेटा एकत्र किया जब वित्त मंत्री ने 1.7 लाख करोड़ रुपये के पीएम गरीब कल्याण योजना की घोषणा की.

ईटीवी भारत ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 2014 में योजना की शुरुआत के बाद से पहली बार जन धन खाताधारकों को नकदी हस्तांतरित करने की तैयारी के बारे में बताते हुए कहा, "वित्तीय सेवा विभाग के निर्देश मिलने पर बैंक इन जन धन खाताधारकों को धन हस्तांतरित करने में सक्षम होंगे."

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कोर बैंकिंग प्रणाली (सीबीएस) में की गई प्रगति के कारण 20 करोड़ से अधिक खाताधारकों को धनराशि का हस्तांतरण करने में परेशानी नहीं होगी.

उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि सबसे अधिक संभावना है कि लाभार्थी के डेटा को नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के साथ डीएफएस द्वारा साझा किया जाएगा, जिसके पास इस तरह के बड़े पैमाने पर धन हस्तांतरण के लिए एक परिष्कृत प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) है.

उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के 8.7 करोड़ से अधिक लाभार्थियों का डेटा पहले ही बैंकों के पास उपलब्ध है क्योंकि पिछले साल इस योजना को शुरू किया गया था.

उन्होंने ईटीवी भारत को केंद्र सरकार द्वारा लागू प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के बैकएंड की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए बताया, "पीएम किसान सम्मान निधि योजना के हस्तांतरण के मामले में, नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल शीट में बैंकों के साथ डेटा साझा करता है और फिर बैंक अपने कोर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस) के माध्यम से भुगतान को अंजाम देते हैं."

उन्होंने कहा कि इस बात की सबसे अधिक संभावना है कि महिलाओं के जन धन खातों में 5,000 रुपये प्रति माह के इस हस्तांतरण को भी भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के माध्यम से बैंकों में भेजा जाएगा.

ये भी पढ़ें:कोविड-19 अपडेटः जानिए पीपीई किट्स, एन95 मास्क और वेंटीलेटर की उपलब्धता

उन्होंने कहा, "हमारे पिछले अनुभव को देखते हुए, सबसे अधिक संभावना है कि डीएफएस एनपीसीआई के माध्यम से हमारे लिए लाभार्थी डेटा को रूट करेगा."

इसी प्रकार, 8 करोड़ से अधिक उज्जवला सब्सिडी वाली गैस योजना के लाभार्थियों का डेटा पहले से ही तेल विपणन कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पास उपलब्ध है क्योंकि यह योजना प्रकृति में चल रही है.

उन्होंने कहा, "बैंक पहले ही एलपीजी उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी के घटक को सीधे हस्तांतरित कर रहे हैं, इसलिए अगर एलपीजी सिलेंडर की पूरी कीमत उज्ज्वला लाभार्थियों को हमारे माध्यम से हस्तांतरित की जानी है, तो कोई समस्या नहीं होगी."

(वरिष्ठ पत्रकार कृष्णानन्द त्रिपाठी का लेख)

Last Updated : Mar 30, 2020, 9:38 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details