दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

पूर्व वित्त सचिव ने उपकर अधिभार रहित चार दर वाले आयकर ढांचे की वकालत की

वित्त मंत्रालय द्वारा सितंबर में कंपनी कर में भारी कटौती किये जाने के बाद व्यक्तिगत आयकर की दरों में कटौती की मांग जोर पकड़ने लगी है. अधिभार और उपकर के चलते व्यक्तिगत आयकर में विकृति बढ़ती चली गई है.

पूर्व वित्त सचिव ने उपकर अधिभार रहित चार दर वाले आयकर ढांचे की वकालत की
पूर्व वित्त सचिव ने उपकर अधिभार रहित चार दर वाले आयकर ढांचे की वकालत की

By

Published : Jan 20, 2020, 12:47 PM IST

नई दिल्ली: आयकर स्लैब में बदलाव को लेकर बढ़ती सुगबुगाहट के बीच पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने रविवार को बिना उपकर या अधिभार के चार दर वाले व्यक्तिगत आयकर ढांचे की वकालत की है.

वित्त मंत्रालय द्वारा सितंबर में कंपनी कर में भारी कटौती किये जाने के बाद व्यक्तिगत आयकर की दरों में कटौती की मांग जोर पकड़ने लगी है. अधिभार और उपकर के चलते व्यक्तिगत आयकर में विकृति बढ़ती चली गई है.

गर्ग ने ब्लॉग में कहा है, "चालू वित्त वर्ष के दौरान कंपनी कर ढांचे को तर्कसंगत और प्रतिस्पर्धी बना दिया गया है. इस बारे में और किसी कदम की उम्मीद नहीं है. बहरहाल, व्यक्तिगत आयकर के कराधान ढांचे में कुछ प्रमुख कर सुधारों को आगे बढ़ाये जाने की जरूरत है."

ये भी पढ़ें-दावोस में लगेगा दुनिया के शीर्ष नेताओं और उद्योगपतियों का जमावड़ा

उन्होंने कहा कि आयकर के मामले में करीब आठ स्लैब हैं जिनमें सबसे ऊंची कर की दर 40 प्रतिशत से भी अधिक है.

आयकर कर ढांचे में सुधार पर जोर देते हुये गर्ग ने कहा, "पांच लाख रुपये सालाना तक की करयोग्य आय पर कोई कर नहीं होना चाहिये. पांच से दस लाख रुपये की आय पर पांच प्रतिशत, 10 से 25 लाख पर 15 प्रतिशत, 25 से 50 लाख रुपये की वार्षिक आय पर 25 प्रतिशत और 50 लाख रुपये से अधिक की आय पर 35 प्रतिशत की दर से आयकर होना चाहिये. इस तरह का व्यक्तिगत आयकर ढांचा काफी सरल और उचित ढांचा होगा."

उन्होंने कहा कि इस तरह के कर ढांचे में कोई भी उपकर और अधिभार नहीं होना चाहिये. ऐसे कर ढांचे का करदाताओं के बीच स्वागत होगा.

गर्ग ने कहा कि इस आयकर ढांचे का राज्य भी स्वागत करेंगे और उनकी शिकायत भी दूर होगी. इससे राजस्व प्राप्ति पर भी ज्यादा बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा.

गर्ग ने मोदी सरकार के तीन बजट तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि डिजिटल बैंकिंग और रिकार्ड कीपिंग का लाभ उठाते हुये लाभांश वितरण कर (डीडीटी) समाप्त करने का यह सही समय है.

उन्होंने कहा, "करदाता पर लाभांश आय के लिए लगने वाला कर, उसकी आयकर दर के आधार पर ही लगेगा. दूसरी तरफ किसी कंपनी द्वारा किसी व्यक्ति को 10,000 रुपये से अधिक लाभांश वितरण पर 20 प्रतिशत की दर से स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) काटने का प्रावधान रखा जा सकता है."

गर्ग ने यह भी सुझाव दिया कि पूंजीगत लाभ कर में व्यापक सुधार करते हुये दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कर को जारी रखा जा सकता है.

गर्ग ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) को अभी भी कार्य प्रगति पर है जैसा बताया. उन्होंने कहा कि इनवायस अपलोडिंग और उसकी मिलान प्रक्रिया और अन्य जरूरी प्रक्रिया को पूरा करने पर पूरा ध्यान दिया जाना चाहिये.

इस वित्त वर्ष में लक्ष्य से ढाई लाख करोड़ रुपये कम रह सकता है कर संग्रह
पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने रविवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में सरकार का कर संग्रह निर्धारित लक्ष्य से करीब ढाई लाख करोड़ रुपये कम रहने का अनुमान है. यह देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.2 प्रतिशत के बराबर है. गर्ग ने एक ब्लॉग में कहा कि कर राजस्व के नजरिए से 2019-20 एक बुरा वित्त वर्ष साबित होने जा रहा है. उन्होंने अपने लेख में लाभांश वितरण पर कर हटाने की भी मांग की है.

For All Latest Updates

ABOUT THE AUTHOR

...view details