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ईपीएफओ ने लॉकडाउन के दौरान 280 करोड़ के 1.37 लाख पीएफ दावे निपटाए - EPFO settles 1.37 lakh PF withdrawal claims worth around Rs 280 crore to ease lockdown woes

श्रम मंत्रालय ने शुक्रवार को बयान में कहा कि बंदी के दौरान ईपीएफओ ने 279.65 करोड़ रुपये के 1.37 लाख दावों का निपटान किया है. इन दावों का निपटान नए प्रावधान के तहत किया गया है.

ईपीएफओ ने लॉकडाउन के दौरान 280 करोड़ के 1.37 लाख पीएफ दावे निपटाए
ईपीएफओ ने लॉकडाउन के दौरान 280 करोड़ के 1.37 लाख पीएफ दावे निपटाए

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Published : Apr 10, 2020, 7:02 PM IST

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने लॉकडाउन के दौरान अंशधारकों को राहत देने के लिए 280 करोड़ रुपये के 1.37 लाख निकासी दावों का निपटान किया है.

श्रम मंत्रालय ने शुक्रवार को बयान में कहा कि बंदी के दौरान ईपीएफओ ने 279.65 करोड़ रुपये के 1.37 लाख दावों का निपटान किया है. इन दावों का निपटान नए प्रावधान के तहत किया गया है.

कोविड-19 संकट के दौरान अंशधारकों को राहत के लिए ईपीएफ योजना में संशोधन के जरिये यह प्रावधान किया गया है. बयान में कहा गया है कि अंशधारकों को उनके द्वारा की गई निकासी का पैसा मिलना शुरू हो गया है. ईपीएफओ ने पिछले दस दिन में इन दावों का निपटान किया है.

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ईपीएफओ ने कहा कि उसकी प्रणाली में पूरी तरह से अपने ग्राहक को जानिये (केवाईसी) अनुपालन वाले अंशधारकों के दावों का निपटान तीन दिन से कम के समय में किया जा रहा है.

मंत्रालय ने कहा कि जिन सदस्यों ने किसी अन्य श्रेणी में आवेदन किया है वे भी कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए केवाईसी अनुपालन की स्थिति के अनुसार निकासी का दावा कर सकते हैं.

बयान में कहा गया है कि सभी दावों का निपटान तेजी से करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है. कोविड-19 संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत ईपीएफ से विशेष निकासी का भी प्रावधान किया गया है.

इसके तहत 28 मार्च, 2020 को एक महत्वपूर्ण अधिसूचना के जरिये ईपीएफ योजना में पैरा 68 एल (3) डाला गया है. इस प्रावधान के तहत तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ते के बराबर या ईपीएफ खाते में सदस्य के खाते में पड़ी राशि के 75 प्रतिशत के बराबर, जो भी कम हो निकासी की सुविधा दी जाती है. अंशधारक को इस राशि को लौटाने की जरूरत नहीं है.

मंत्रालय ने कहा कि सदस्य कम राशि के लिए भी आवेदन कर सकते हैं. यह अग्रिम के रूप में होगा. इस पर आयकर की कटौती नहीं की जाएगी.

(पीटीआई-भाषा)

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