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कोरोना वायरस: ईपीएफओ ने कर्मचारियों, कंपनियों का तीन महीने का अंशदान व्यवस्था की

श्रम मंत्रालय का अनुमान है कि इससे करीब 79 लाख कर्मचारियों और 3.8 लाख नियोक्ताओं को लाभ होगा. सरकार को इसके लिए करीब 4,800 करोड़ रुपये का व्यय करना होगा.

कोरोना वायरस: ईपीएफओ ने कर्मचारियों, कंपनियों का तीन महीने का अंशदान व्यवस्था की
कोरोना वायरस: ईपीएफओ ने कर्मचारियों, कंपनियों का तीन महीने का अंशदान व्यवस्था की

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Published : Apr 11, 2020, 8:29 PM IST

Updated : Apr 11, 2020, 10:04 PM IST

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत कर्मचारी भविष्य निधि खातों में नियोक्ता और कर्मचारी के अंशदान को सरकार के खाते से जमा कराए जाने की व्यवस्था कर ली है. केंद्र ने कोरोना वायरस के चलते कोराबारी इकाइयों की मुश्किलों और रोजगार बचाने चुनौती को देखते हुए यह योजना घोषित की है. इस योजना के तहत तीन माह तक ईंपीएफ खातों में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के हिस्से का अंशदान सरकार अपने पास से जमा करेगी.

श्रम मंत्रालय का अनुमान है कि इससे करीब 79 लाख कर्मचारियों और 3.8 लाख नियोक्ताओं को लाभ होगा. सरकार को इसके लिए करीब 4,800 करोड़ रुपये का व्यय करना होगा.

श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "ईपीएफओ ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 26 मार्च को घोषित पैकेज के अनुसार अपने अंशधारकों के कर्मचारी भविष्य निधि और कर्मचारी पेंशन योजना खातों में धन जमा कराने की एक इलेक्ट्रॉनिक व्यवस्था बनायी है."

मंत्रालय ने कहा है कि यह पैकेज गरीबों को करोना महामारी का मुकाबला करने में मदद के लिए घोषित किया गया है. पात्र संगठन और प्रतिष्ठान एक चालान-सह-विवरण भर कर इस राहत के लिए दावा कर सकते है. इस चालाना के हिसाब से ही कर्मचारी के ईपीएफ और ईपीएस में कर्मचारी और नियोक्ता के कुल अंशदान (कर्मयारी के वेतन के 24 प्रतिशत) के बराबर भुगतान सरकार की ओर से संबंधित कर्मचारी के सार्वत्रिक खाता संख्या (यूएएन) में हस्तांतरित किया जाएगा. यह राहत तीन माह के लिए है. इसका लाभ ईपीएफ के तहत पंजीकृत इकाइयों में कार्यरत 15,000 रुपये से कम मासिक वेतन वाले कर्मचारियों के मामले में मिलेगा.

नियम के अनुसार भविष्य में निधि खातों में कर्मचारी और नियोक्त की ओरसे वेतन के 12-12 प्रतिशत के बराबार अंशदान किया जाता है. इसमें से एक अंश कर्मचारी के पेंशन खाते में जाता है. इस योजना के तहत वही इकाइयां इस राहत की पात्र होंगी जहां 100 की संख्या तक कर्मचारी होंगे और उनमें से 90 प्रतिशत या उससे अधिक कर्मचारियों की मासिक आय 15,000 रुपये से कम है.

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इस राहत पैकेज को कर्मचारियों तक पहुंचाने के लिए श्रम और रोजगार मंत्रालय ने योजना के लक्ष्य, योग्यता, वैधता और प्रक्रिया की जानकारी देने वाली अधिसूचना जारी की थी. ई-चालान सह विवरण जमा हो जाने और नियोक्ता एवं कर्मचारी की योग्यता का सत्यापन कर लिए जाने के बाद चालान नियोक्ता और कर्मचारी के अंशदान को अलग-अलग दिखाऐगा. बाद में यह राशि कर्मचारी के भविष्य निधि और पेंशन योजना खाते में सीधे जमा कर दी जाएगी. योजना से जुड़े समाधानों का सवाल करने के लिए ईपीएफओ ने अपनी वेबसाइट पर 'बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों' की एक सूची भी जारी की है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Apr 11, 2020, 10:04 PM IST

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