नई दिल्ली : लॉकडाउन अंकुशों में ढील तथा मानसून में देरी की वजह से देश की बिजली की खपत जुलाई में करीब 12 प्रतिशत बढ़कर 125.51 अरब यूनिट (बीयू) पर पहुंच गई, यह महामारी पूर्व के स्तर के लगभग बराबर है, बिजली मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.
जुलाई, 2020 में बिजली की खपत 112.14 अरब यूनिट रही थी, यह महामारी से पहले यानी जुलाई, 2019 के 116.48 अरब यूनिट के आंकड़े से थोड़ा ही कम है.
विशेषज्ञों का कहना है कि जुलाई में बिजली की मांग में सुधार की प्रमुख वजह मानसून में देरी तथा राज्यों द्वारा अंकुशों में ढील के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी आना है. उन्होंने कहा कि बिजली की मांग के अलावा खपत भी जुलाई में कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर पहुंच गई है, आगामी महीनों में इसमें और सुधार की उम्मीद है.
इस साल अप्रैल से बिजली की व्यावसायिक तथा औद्योगिक मांग राज्यों द्वारा लगाए गए अंकुशों से प्रभावित हुई थी.
विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 के मामलों में कमी तथा राज्यों द्वारा लॉकडाउन अंकुशों में ढील के बाद जुलाई से बिजली की औद्योगिक और व्यावसायिक मांग में निश्चित रूप से सुधार होगा.