नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था में गंभीर सुस्ती के कारणों का हवाला देते हुए पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत अभी 'फोर बैलेंस शीट' चुनौती का सामना कर रही है, और यह प्रतिकूल ब्याज वृद्धि में फंस गई है. फोर बैलेंस शीट में -बैंक, बुनियादी ढांचा, एनबीएफसी व रियल एस्टेट कंपनियां शामिल है.
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी वर्किं ग पेपर में 'इंडियाज ग्रेट स्लोडाउन : व्हाट हैपेंड? व्हाट द वे आउट?' लेखक सुब्रमण्यम और जोश फेलमैन ने कहा है कि भारत एक प्रतिकूल ब्याज वृद्धि का सामना कर रहा है, जिससे उच्च ब्याज दर, निराशाजनक वृद्धि और अधिक जोखिम पैदा हो रहा है.