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डीपीआईआईटी ने स्टार्टअप्स के कोष जुटाने में मदद को आयकर कानून में ढील दी

स्टार्टअप्स के लिए नियामकीय नियमों को उदार करते हुए डीपीआईआईटी ने आयकर कानून की धारा 54 जीबी (कुछ मामलों में आवासीय संपत्ति की बिक्री पर हुए पूंजीगत लाभ को स्थानांतरित करने के लिए कर नहीं) तथा धारा 79 (कुछ कंपनियों के लिए नुकसान को आगे लेकर जाने) में संशोधनों का प्रस्ताव किया है.

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Published : May 5, 2019, 3:19 PM IST

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नई दिल्ली : स्टार्टअप्स के लिए धन जुटाने की प्रक्रिया को सुगम करने के लिए उद्योग एवं आंतरिक संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने आवासीय संपत्तियों की बिक्री और नुकसान को आगे ले जाने से संबंधित आकयर नियमों को उदार करने का प्रस्ताव किया है. यह सुझाव 'स्टार्टअप इंडिया विजन 2024' का हिस्सा है.

डीपीआईआईटी ने उदीयमान उद्यमियों के लिए वृद्धि को प्रोत्साहन तथा वित्त हासिल करने में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए इसे तैयार किया है. स्टार्टअप्स के लिए नियामकीय नियमों को उदार करते हुए डीपीआईआईटी ने आयकर कानून की धारा 54 जीबी (कुछ मामलों में आवासीय संपत्ति की बिक्री पर हुए पूंजीगत लाभ को स्थानांतरित करने के लिए कर नहीं) तथा धारा 79 (कुछ कंपनियों के लिए नुकसान को आगे लेकर जाने) में संशोधनों का प्रस्ताव किया है.

डीपीआईआईटी ने सुझाव दिया है कि यदि आवासीय संपत्ति की बिक्री पर पूंजीगत लाभ का इस्तेमाल स्टार्टअप के वित्तपोषण के लिए किया जाता तो उस पर कर नहीं लिया जाना चाहिए. एक सूत्र ने कहा कि उदीयमान उद्यमी कई बार अपनी कारोबारी गतिविधियों के लिए आवासीय संपत्ति की बिक्री करते हैं.

इसी तरह धारा 79 के संदर्भ में सुझाव दिया गया है कि घाटे को आगे ले जाने के लिए शेयरधारिता की अनिवार्यता से छूट दी जाए. अभी स्टार्टअप के प्रवर्तकों को घाटे को आगे ले जाने के लिए 100 प्रतिशत शेयर की हिस्सेदारी रखना आवश्यक है.
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