नई दिल्ली: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शेयर बाजार में सतर्कता बरते की जरूरत की ओर इशारा देते हुये कहा कि इस बाजार का वास्तविक अर्थव्यवस्था के साथ तालमेल नहीं दिख रहा है. ऐसी स्थिति में शेयर बाजार की दिशा आने वाले समय में जरूर बदलेगी.
उन्होंने कहा कि बाजार अपने को ठीक कब करेगा, यह भविष्यवाणी करना मुश्किल है. रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा ऐसा लगता है कि वैश्विक वित्तीय प्रणाली में अधिक नकदी उपलब्ध होने से शेयर बाजार में तेजी को बढ़ावा मिल रहा है.
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दास ने एक समाचार चैनल के साथ बातचीत में कहा, "वैश्विक वित्तीय प्रणाली में काफी नकदी उपलब्ध है, यही वजह है कि शेयर बाजार में तेजी का रुख बना हुआ है. यह वास्तविक अर्थव्यवस्था की स्थिति से बिल्कुल अलग है. आने वाले समय में इसकी दिशा सुधरेगी, लेकिन ऐसा कब होगा इसे बताना मुश्किल है."
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक बाजार की स्थिति पर लगातार निगाह रखे हुये है. बाजार के व्यवहार की आरबीआई लगातार निगरानी कर रहा है, उसका वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी नजर रखे हुये है और जब भी जरूरत होगी जरूरी कदम उठाया जायेगा.
फ्रेंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड द्वारा छह बांड/रिण-पत्र में निवेश करने वाली निवेश योजना को बंद करने के बारे में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि म्यूचुअल फंड उद्योग के लिये 50,000 करोड़ रुपये के कर्ज की खिड़की खोलकर आरबीआई ने पहले से सावधानी बरती है.
दास ने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक ने कोविड- 19 महामारी के दौरान कर्ज किस्तों के भुगतान पर रोक लगाने का जो कदम उठाया वह महामारी से उत्पन्न दबाव को कम करने के लिये एक अस्थाई समाधान था. यह राहत 31 अगस्त को समाप्त हो रही है. रिजर्व बैंक ने इस माह की शुरुआत में कंपनी और व्यक्तिगत कर्ज की एकबारगी पुनर्गठन की अनुमति बैंकों को दी है.