नई दिल्ली: पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को कहा कि उन्हें आगामी बजट में विमानन ईंधन (एटीएफ) और प्राकृतिक गैस को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाये जाने की दिशा में पहल किये जाने की उम्मीद है.
प्रधान ने यहां फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा कि उन्हें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उम्मीद है कि वह करों के दोहराव को कम करने तथा कारोबारी माहौल बेहतर बनाने के लिये एटीएफ और प्राकृतिक गैस को जीएसटी के दायरे में लाने के बारे में आगामी बजट में कोई पहल किये जाने का संकेत देंगी. प्रधान लंबे समय से एटीएफ और प्राकृतिक गैस को जीएसटी के दायरे में लाने की पैरवी कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि देश में प्राकृतिक गैस की मांग अगले 10 साल में तीन गुना से अधिक बढ़ाकर देश की कुल ईंधन मांग के 15 प्रतिशत पर पहुंच सकती है और इसकी पूर्ति के लिये गैस की बुनियादी संरचना पर 60 अरब डॉलर खर्च किये जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, "अभी गैस की खपत 16.60 करोड़ घनमीटर प्रतिदिन है. कुल ईंधन मांग में इसकी हिस्सेदारी 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य पाने के लिये खपत को बढ़ाकर प्रतिदिन 60 करोड़ घनमीटर करने की जरूरत है."
उन्होंने कहा कि खपत के मौजूदा स्तर में घरेलू उत्पादन की आठ से नौ करोड़ घनमीटर की हिस्सेदारी है और शेष की पूर्ति आयात के जरिये की जाती है.