दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

रिजर्व बैंक के गवर्नर ने राजकोषीय लक्ष्य पर कायम रहने की जरूरत पर दिया बल

आरबीआई के पूर्व गवर्नर वाई वी रेड्डी की किताब 'इंडियन फिसकल फेडरलिज्म' के विमोचन के मौके पर उन्होंने यह बात कही.

रिजर्व बैंक के गवर्नर ने राजकोषीय लक्ष्य पर कायम रहने की जरूरत पर दिया बल

By

Published : Mar 19, 2019, 11:57 PM IST

मुंबई: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सामाजिक आर्थिक चुनौतियों के समाधान को लेकर सामान्य रूप से सहमत नियमों के आधार पर व्यय योजना अपनाकर राजकोषीय रूपरेखा पर टिके रहने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने वित्त आयोग को स्थायी दर्जा दिये जाने की भी वकालत की.

पूर्व में आर्थिक मामलों के सचिव की जिम्मेदारी संभाल चुके दास का यह बयान मायने रखता है क्योंकि सरकार लगातार दो बार राजकोषीय घाटे के निर्धारित लक्ष्य हासिल करने में विफल रही. मौजूदा वित्त वर्ष में इसके लक्ष्य से 0.10 प्रतिशत अधिक रहने का अनुमान है. कई विश्लेषकों को मानना है कि अप्रत्यक्ष कर संग्रह में कमी तथा अन्य गैर-कर राजस्व वसूली बजट में निर्धारित लक्ष्य से कम रहने की आशंका के कारण सरकार के लिये 3.4 प्रतिशत के संशोधित राजकोषीय घाटे का लक्ष्य भी हासिल करना मुश्किल हो सकता है.

ये भी पढ़ें-रीयल एस्टेट क्षेत्र पर जीएसटी के नए कर ढांचे की अनुपालन योजना को जीएसटी परिषद की मंजूरी

आरबीआई के पूर्व गवर्नर वाई वी रेड्डी की किताब 'इंडियन फिसकल फेडरलिज्म' के विमोचन के मौके पर उन्होंने यह बात कही. रेड्डी ने यह पुस्तक जीआर रेड्डी के साथ मिलकर लिखी है. दास ने कहा कि राजकोषीय मजबूती की रूपरेखा को लेकर अब राष्ट्रीय तथा राज्य दोनों स्तरों पर महत्व है.

उन्होंने कहा कि सामाजिक आर्थिक चुनौतियों के समाधान के लिये राजकोषीय घाटा लक्ष्य तथा जीडीपी-कर्ज अनुपात पर टिके रहने के साथ सामान्य रूप से सहमत नियमों के आधार पर व्यय योजना अपनाना भी महत्वपूर्ण है. दास ने वित्त आयोग को स्थायी दर्जा दिये जाने की भी वकालत की. हालांकि दास ने कहा कि उनका विचार उस 15वें वित्त आयोग के विचार को प्रतिबिंबित नहीं करता है जहां वे एक साल से अधिक समय तक सदस्य रहे.

(भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details