नई दिल्ली: भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को कहा कि चलने लायक कंपनियों को बंद होने देने का परिणाम खतरनाक होगा. उन्होंने कहा कि कर्जदाताओं की समिति को दिवाला प्रक्रिया का सामना कर रही कंपनियों के बारे में पूरी जरूरी जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए एवं उनको लेकर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करना चाहिए.
दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता के तहत समाधान के लिए भेजी जाने वाली दबाव वाली संपत्तियों की संख्या में वृद्धि के बीच आईबीबीआई प्रमुख एम. एस. साहू ने कहा कि कानून दिवाला प्रक्रिया के दौरान गलतियों को सुधारने का मौका भी उपलब्ध कराता है.