नई दिल्ली:मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमणियम ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में भारत चालू खाते का अधिशेष (सीएपी) दर्ज कर सकता है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था में उत्पादन अधिक है, जबकि मांग कम है यानी 'अंडर हीटिंग' की स्थिति है, जिसके चलते आयात घटेगा. इससे देश चालू खाते का अधिशेष हासिल कर सकता है.
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा सोमवार को आयोजित 'ऑनलाइन' सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि मौजूदा संकट 'टैपर टैंट्रम' से भिन्न प्रकार का है. 'टैपर टैंट्रम' से आशय वर्ष 2013 में निवेशकों के उस घबराहट वाले रुख से है जिससे अमेरिका में ट्रेजरी प्राप्ति में जबर्दस्त इजाफा हुआ.
निवेशकों को जब यह पता चलता कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अपने उदार मौद्रिक नीति (क्यूई) कार्यक्रम पर रोक लगाने जा रहा है, तो उनकी सामूहिक प्रतिक्रिया काफी घबराहटपूर्ण रही, जिससे अमेरिका में ट्रेजरी प्राप्ति में जबर्दस्त इजाफा हुआ. इससे उभरती अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति में तेजी आयी और यह दहाई अंक में पहुंच गयी.
सुब्रमणियम ने कहा कि मौजूदा कोविड संकट कुछ अलग किस्म का है. भारत ने इस संकट की प्रकृति को पहचाना है और इससे पूर्व के आर्थिक संकटों की तुलना में अलग तरीके से निपटने का प्रयास किया है. मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि कोविड संकट, मांग का संकट है. यह मुख्य से से मांग के लिये नकारात्मक झटका है. भारत इस संकट से बेहतर तरीके से निपटा है.
उन्होंने कहा, "तथ्य यही है कि इस साल हम चालू खाते का अधिशेष दर्ज कर सकते हैं. पहली तिमाही में हमारा चालू खाते का अधिशेष 20 अरब डॉलर के आसपास रहा. स्पष्ट तौर पर यह 19.8 अरब डॉलर रहा है. यदि आगामी तिमाहियों में हमें इस तरह का प्रदर्शन देखने को नहीं मिलता है, तो भी हम चालू खाते का अधिशेष दर्ज कर सकते हैं."
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