नई दिल्ली: सरकार ने कोरोना वायरस संकट से निपटने को पीएम-केयर कोष में चंदे पर आयकर में शत प्रतिशत कटौती की घोषणा को अध्यादेश के जरिए कानूनी रूप दे दिया है.
इस संकट के दौरान करदाताओं और कारोबारियों को आयकर, जीएसटी, सीमा शुल्क एवं उत्पाद कर रिटर्न भरने, आयकर छूट पाने के लिये विभिन्न निवेश और भुगतानों के मामले में राहत देने जैसे तमाम उपायों को कानूनी तौर पर अमलीजामा पहनाने के लिये मंगलवार को सरकार ने अध्यादेश किया.
राष्ट्रपति ने "कराधान और अन्य कानून (विभिन्न प्रावधानों में राहत) अध्यादेश 2020" को मंगलवार को अपनी संस्तुती दे दी. इस अध्यादेश के जरिये पीएम केयर्स फंड में दिये गये योगदान पर भी उसी तरह 100 प्रतिशत की कर छूट देने का प्रावधान किया गया है जैसी छूट प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष में योगदान देने पर मिलती है.
प्रत्यक्ष कर और बेनामी:
- वित्त वर्ष 2018-19 (आकलन वर्ष 2019-20) के लिए मूल के साथ-साथ संशोधित आयकर रिटर्न भी दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दी गई है.
- आधार कार्ड और पैन को आपस में जोड़ने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दी गई है.
- आईटी अधिनियम के अध्याय-VIए-बी, जिसमें धारा 80सी (एलआईसी, पीपीएफ, एनएससी इत्यादि), 80डी (मेडिक्लेम), 80जी (दान), इत्यादि शामिल हैं, के तहत कटौती का दावा करने के लिए विभिन्न निवेश/भुगतान करने की तिथि बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दी गई है. अत: वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इन धाराओं के तहत कटौती का दावा करने के लिए 30 जून 2020 तक निवेश/भुगतान किया जा सकता है.
- आईटी अधिनियम की धारा 54 से 54जीबी तक के तहत पूंजीगत लाभ के संबंध में रोलओवर लाभ/कटौती का दावा करने के लिए निवेश/निर्माण/खरीद करने की तिथि भी 30 जून 2020 तक बढ़ा दी गई है. अत: 30 जून 2020 तक किए गए निवेश/निर्माण/खरीद वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान होने वाले पूंजीगत लाभ से कटौती का दावा करने के पात्र होंगे.
- आईटी अधिनियम की धारा 10एए के तहत कटौती का दावा करने वाली एसईजेड इकाइयों (यूनिट) के लिए परिचालन शुरू करने की तिथि भी उन इकाइयों के लिए 30 जून 2020 तक बढ़ा दी गई है, जिन्हें 31 मार्च, 2020 तक आवश्यक अनुमोदन प्राप्त हो गया है.
- विभिन्न प्रत्यक्ष करों और बेनामी कानून के तहत अधिकारियों द्वारा आदेश या नोटिस जारी करने की तिथि भी 30 जून, 2020 तक बढ़ा दी गई है.
- यह प्रावधान किया गया है कि 9% का घटा हुआ ब्याज आयकर (जैसे अग्रिम कर, टीडीएस, टीसीएस), समकारी लेवी, प्रतिभूति लेन-देन कर (एसटीटी), कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (सीटीटी) का भुगतान नहीं करने पर लिया जाएगा (जिनका भुगतान 20 मार्च 2020 से 29 जून 2020 तक किया जाना है), बशर्ते कि यह भुगतान 30 जून 2020 तक कर दिया जाएगा. इसके अलावा, इनका भुगतान न करने पर कोई जुर्माना नहीं लिया जाएगा/अभियोजन शुरू नहीं किया जाएगा.
- विवाद से विश्वास योजना के तहत भी तिथि 30 जून 2020 तक बढ़ा दी गई है. अत: इस योजना के तहत घोषणा और भुगतान बगैर अतिरिक्त अदायगी के ही 30 जून 2020 तक किया जा सकता है.
अप्रत्यक्ष कर:
- मार्च, अप्रैल और मई 2020 के लिए निर्दिष्ट केंद्रीय उत्पाद शुल्क रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दिया गया है.
- केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1944 और इसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत जहां भी अपील दाखिल करने, रिफंड आवेदन करने, इत्यादि की अंतिम तिथि 20 मार्च 2020 से लेकर 29 जून 2020 तक है, उसे 30 जून 2020 तक बढ़ा दिया गया है.
- सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत जहां भी अपील दाखिल करने, रिफंड आवेदन करने, इत्यादि की अंतिम तिथि 20 मार्च 2020 से लेकर 29 जून 2020 तक है, उसे 30 जून 2020 तक बढ़ा दिया गया है.
- जहां भी सेवा कर से संबंधित अपील, इत्यादि दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 मार्च 2020 से लेकर 29 जून 2020 तक है, उसे 30 जून 2020 तक बढ़ा दिया गया है.
- सबका विश्वास कानूनी विवाद समाधान योजना 2019 के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए भुगतान करने की तिथि 30 जून 2020 तक बढ़ा दी गई है. अत: करदाताओं को अपने विवादों को हल करने के लिए अधिक समय दिया गया है.
उपर्युक्त कराधान और बेनामी अधिनियमों के तहत समय सीमा बढ़ाने के अलावा सीजीएसटी अधिनियम, 2017 में एक सक्षम धारा शामिल की गई है जिसके तहत बाह्य आपूर्ति का विवरण, रिफंड दावे दाखिल करने, अपील दायर करने, इत्यादि सहित विभिन्न अनुपालनों के लिए नियत तारीखों को बढ़ाने का अधिकार सरकार को दिया गया है, जैसा कि जीएसटी परिषद की सिफारिशों पर अधिनियम के तहत निर्दिष्ट, निर्धारित या अधिसूचित किया गया है.