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कोविड-19 के मध्यम, दीर्घावधि के प्रभाव का आकलन करना कठिन: एसबीआई

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Published : May 2, 2020, 6:40 PM IST

एसबीआई के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि बैंक अभी इसके लघु अवधि मसलन दो से तीन तिमाहियों के प्रभाव का अनुमान लगा रहा है. उन्होंने कहा कि बंद के अगले एक से दो साल के प्रभाव के बारे में आकलन करना कठिन है.

कोविड-19 के मध्यम, दीर्घावधि के प्रभाव का आकलन करना कठिन: एसबीआई
कोविड-19 के मध्यम, दीर्घावधि के प्रभाव का आकलन करना कठिन: एसबीआई

कोलकाता: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का मानना है कि बैंकिंग क्षेत्र पर कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन के मध्यम और दीर्घावधि के प्रभाव का आकलन करना काफी मुश्किल है.

एसबीआई के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि बैंक अभी इसके लघु अवधि मसलन दो से तीन तिमाहियों के प्रभाव का अनुमान लगा रहा है. उन्होंने कहा कि बंद के अगले एक से दो साल के प्रभाव के बारे में आकलन करना कठिन है.

एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगले एक से दो साल के दौरान हमें इसपर सतर्कता से नजर रखनी होगी. एसबीआई को पूरा भरोसा है कि भारत इस स्थिति से उबर जाएगा. भारत एक युवा देश और यहां की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ने वाली है.

अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर एसबीआई ने सबसे पहले कदम उठाया है. बैंक ने दस प्रतिशत तक आपात कोविड ऋण सुविधा के लिए कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराई है.

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उन्होंने कहा कि यह सुविधा 'मानक परिसंपत्तियों' वाले सभी ग्राहकों के लिए उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि बाद में अन्य बैंकों ने भी इसी तरह के कदम उठाए हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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