नई दिल्ली: केंद्रीय अप्रत्यक्ष और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने विमानन और होटल क्षेत्र को उन मामलों में जीएसटी वापस लेने की अनुमति दी है जहां बिल बनाये गये लेकिन बाद में अनुबंध रद्द कर दिया गया. एयरलाइन और होटल क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बुकिंग रद्द होने को ध्यान में रखते हुये बोर्ड ने यह कदम उठाया है. सीबीआईसी ने करदाताओं को कोरोना वायरस संकट के कारण अनुपालन संबंधी जरूरतों को पूरा करने में हो रही कठिनाइयों को देखते हुए कुछ स्पष्टीकरण जारी किया है.
उन मामलों के बारे में में जहां सेवा देने के एवज में अग्रिम तौर पर राशि ली गयी है और बिल काटे गये लेकिन बाद में वे रद्द हो गये, केंद्रीय अप्रत्यक्ष और सीमा शुल्क बोर्ड ने स्पष्ट करते हुए कहा, "ऐसे मामले जहां आउटपुट देनदारी नहीं है और जिसके एवज में क्रेडिट नोट को समायोजित किया जा सकता है, ऐसे मामलों में पंजीकृत व्यक्ति दावा करने के लिये आगे आ सकता है. कर का अतिरिक्त भुगतान यदि कोई है तो उसका दावा फार्म जीएसटी आरएफडी-01 के जरिये किया जा सकता है."
इसी प्रकार, उन मामलों में जहां वस्तुओं की आपूर्ति की गयी और उसके लिये कर के साथ बिल सृजित हुए लेकिन बाद में खरीदार ने संबंधित वस्तु को लौटा दिया, इस बारे में बोर्ड का कहना है जहां उत्पादन देनदारी नहीं है जिसके एवज में 'क्रेडिट नोट' समायोजित किया जा सके, वस्तुओं का आपूर्तिकर्ता कर वापसी के लिये दावा कर सकता है. उसके लिये भी जीएसटी आरएफडी-01 फार्म भरना होगा.
सीबीआईसी ने यह स्पष्टीकरण ऐसे समय जारी किया है जब विमानन और होटल क्षेत्रों में कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये जारी 'लॉकडाउन' के कारण बड़े पैमाने पर 'बुकिंग' रद्द हो रही हैं.