नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के शीर्ष लोगों के साथ व्यापक चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आम आदमी को लॉकडाउन की अवधि के दौरान धन तक पहुंचने में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.
उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिया कि 21 दिन की अवधि के दौरान सभी स्तरों पर पैसा उपलब्ध रहें. चाहे वो बैंक शाखाएं हो बैंकिंग या एटीएम.
उन्होंने बैंकों को यह आश्वासन भी दिया कि वह राज्यों से बात कर यह सुनिश्चित करेंगी कि बैंक कर्मचारियों, नकदी वाहनों, बैंक सहयोगी और बैंक केन्द्रों के आने जाने में किसी तरह की रोक टोक नहीं होनी चाहिये.
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हालांकि, नकदी प्रवाह सुनिश्चित करने के अलावा कोविड-19 महामारी के खिलाफ मोदी सरकार की लड़ाई में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होने जा रही है क्योंकि 1.7 लाख करोड़ रुपये की घोषित राहत उपायों में से अधिकांश को गरीब कल्याण योजना के तहत लागू किया जाएगा.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए. निर्मला सीतारमण ने भी शनिवार को अपने शीर्ष पैनल के साथ बातचीत करने के दौरान उनके योगदान को स्वीकार करते हुए अपने प्रयासों को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया.
गरीब कल्याण योजना का रोलआउट सरकार बैंकों पर निर्भर करता है
सरकारी मशीनरी अगले तीन महीनों में 1.7 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक राहत पैकेज के सफल रोलआउट के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर निर्भर है. पैकेज का उद्देश्य देश की लगभग दो-तिहाई आबादी (80 करोड़ लोग) के दर्द को कम करना है जो कि लगभग हजार लोगों को संक्रमित करने वाले वायरस के प्रतिकूल आर्थिक प्रभाव के कारण अनिश्चित भविष्य देख रहा है.
देशव्यापी लॉकडाउन की सफलता के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सरकार द्वारा घोषित नकद हस्तांतरण को लाभ के प्रत्यक्ष हस्तांतरण (डीबीटी) योजना के तहत सरकारी बैंकों के माध्यम से भेजा जाएगा.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत से नाम ना छापने का अनुरोध करते हुए कहा, "सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर भरोसा करेगी कि 20 करोड़ पीएमजेडीवाई खाताधारकों को पैसा ट्रांसफर किया जाए क्योंकि पीएमजेडीवाई के 95% खाते हमारे पास हैं."
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से क्या हासिल किया जा सकता है
देश में कुल 38.28 करोड़ पीएमजेडीवाई खाते हैं. जिनका कुल जमा राशि 1.18 लाख करोड़ रुपये से अधिक है. इनमें से 53% खाते ऐसी महिलाओं के हैं जिन्हें लंबे समय तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान अपने हाथों में डिस्पोजेबल नकदी प्रदान करने की सरकारी योजना के तहत अगले तीन महीनों के लिए 500 रुपये प्रति माह मिलेंगे.