वाराणसी: बनारसी साड़ी पूरी दुनिया में अपने शानदार लुक और बनावट की वजह से एक अलग पहचान बना चुकी है. वहीं इन दिनों इस साड़ी उद्योग पर कोरोना वायरस का असर भी साफ दिखाई दे रहा है. यह वायरस चीन से फैला है, लेकिन चीन में फैले इस वायरस ने बनारसी साड़ी उद्योग को अच्छा खासा प्रभावित कर दिया है.
इसकी बड़ी वजह यह है कि 10 फरवरी तक चीन से आने वाले रेशम और कच्चे धागे के आयात पर सरकार की तरफ से रोक लगा दी गई है. आयात पर रोक लगने से बनारसी साड़ी उद्योग से जुड़े बुनकर साड़ियां तैयार करने की स्थिति में ही नहीं है.
रेशम के धागे के आयात पर लगी रोक
इन दिनों शादी-विवाह का मौसम चल रहा है और बनारसी साड़ियों की डिमांड भी बढ़ती जा रही है. बनारसी साड़ी उद्योग से जुड़े कारोबारी इस सीजन के दौरान अच्छी खासी कमाई का अंदाजा लगाए बैठे थे. वहीं चीन से आए कोरोना वायरस ने बनारसी साड़ी कारोबार को झटका दे दिया है.
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बुनकरों का कहना है कि सरकार की तरफ से 10 फरवरी तक 1500 टन रेशम के धागे के आयात पर रोक लगा दी गई है. इसकी वजह से बुनकरों के पास साड़ी तैयार करने के लिए मेटेरियल ही नहीं है, जिसका सीधा असर पावर लूम और हथकरघा पर पड़ रहा है. अब हालात ये हैं कि 40 हजार से ज्यादा बुनकर परिवार आने वाले समय में बेरोजगार हो सकते हैं.
कोरोना वायरस से परेशान हुए बुनकर
बनारसी साड़ी कारोबारियों का कहना है शादी का लगन होने के वजह से उनके पास आर्डर आ रहे हैं. इस आर्डर को पूरा करने के लिए बुनकर तैयार नहीं हो रहे हैं क्योंकि उनके पास मेटेरियल ही नहीं है. बुनकरों का कहना है कि रोलेक्स सीट और कच्चा धागा लंबे वक्त से चाइना से ही आयात कर मंगाया जाता रहा है. इसका इस्तेमाल बनारसी साड़ी उद्योग में सबसे ज्यादा किया जाता है, लेकिन आयात पर लगी रोक के बाद यह प्रोडक्ट वहां से आना बंद हो चुका है.
कोरोना वायरस से हुआ 200 करोड़ रुपये की हानि
कारोबारियों का कहना है कि अब तक 1000 करोड़ रुपये के इस साड़ी कारोबार में लगभग 200 करोड़ रुपए से ज्यादा की हानि उठानी पड़ी है. इस कोरोना वायरस की वजह से आगे कितनी हानि हो सकती है, इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता.