अजमेर:कोरोना महामारी के चलते रेस्टोरेंट व्यवसाय पर काफी बुरा असर पड़ा है. ग्राहक अभी भी रेस्टोरेंट में जाने और खाने से कतरा रहे हैं. इसमें ज्यादातर रेस्टोरेंट ने होम डिलीवरी देना शुरू कर दिया है. इस बीच गलवान में हुई घटना के बाद चीनी व्यजंनों के लिए रेस्टोरेंट को मिलने वाले ऑर्डर भी बंद हो गए. ऐसे में कई रेस्टोरेंट संचालकों ने अपने रेस्टोरेंट से चीनी समान और अन्य उत्पाद ही हटा लिए हैं.
'भारतीय संस्कृति में ढले रेस्तरां'
पीएम नरेंद्र मोदी के 'लोकल के लिए वोकल' नारे का असर रेस्टोरेंट्स पर देखने को मिल रहा है. गलवान में हुई घटना का भी खासा असर रेस्टोरेंट व्यवसाय पर पड़ा है. कई रेस्टोरेंट संचालकों ने अपने रेस्टोरेंट की सजावट में चाइनीज उत्पाद का उपयोग कर रखा था. अजमेर में इंडिया मोटर चौराहे पर स्थित एक रेस्टोरेंट मालिक कवल प्रकाश किशनानी ने अपने रेस्टोरेंट का लुक चाइनीज सुपर फास्ट ट्रेन 'मैगलेव' की तरह कर रखा था. लेकिन भारत-चीन में बिगड़ते रिश्तों के चलते उन्होंने रेस्तरां का लुक इंडियन ट्रैन 'पैलेस ऑन व्हील' की तरह कर दिया है.
लॉकडाउन से पहले तक चीनी व्यंजनों की डिमांड रेस्टोरेंट में रहती थी. लेकिन कोरोना की वजह से रेस्टोरेंट व्यवसाय अब बुरे दौर से गुजर रहा है. वहीं आर्थिक संकट से निकलने के लिए कई रेस्टोरेंट संचालकों ने डिमांड पर खाना तैयार कर घरों तक पहुंचना शुरू कर दिया है. अजमेर में अधिकृत चीनी खाने के लिए कोई रेस्टोरेंट नहीं है. अधिकांश रेस्टोरेंटस ने फेमस वेज और नॉनवेज के कुछ व्यंजन अपने मेनू में जोड़ रखे हैं.
'कई रेस्टोरेंट्स ने चीनी सामान का किया बहिष्कार'
इतना ही नहीं ग्राहकों की बैठने की व्यवस्था में भी परिवर्तन कर दिया. गलवान की घटना के बाद किशनानी ने अपने रेस्टोरेंट से बचे हुए चीन के उत्पाद भी हटा दिए और स्वदेशी समान खरीदने और बेचने का मानस बना लिया.
रेस्टोरेंट मालिक कंवल प्रकाश किशनानी बताते हैं कि रेस्टोरेंट में चाइनीज व्यंजन के लिए चीन की कोई खाद्य सामग्री इस्तेमाल नहीं की जाती, बल्कि उसे भारतीय खाद्य सामग्री से तैयार किया जाता है. उन्होंने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी के लोकल के लिए वोकल के नारे को समर्थन देते हुए उन्होंने रेस्टोरेंट में केवल भारत में निर्मित वस्तुओं और खाद्य सामग्रियों के इस्तेमाल का निर्णय लिया है.