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सीबीडीटी ने नोटबंदी से जुड़े संदिग्ध मामलों के आकलन की समयसीमा तीन महीने बढ़ाई

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आकलन पूरा करने की मौजूदा समयसीमा 30 सितंबर है. आपरेशन क्लीन मनी (ओसीएम) मामलों में आकलन को पूरा करने में कर अधिकारियों को विभिन्न प्रकार की कठिनाइयां आ रही हैं, जिसे देखते हुए समय सीमा तीन महीने के लिए बढ़ाई गई है.

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Published : Sep 26, 2019, 11:09 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 4:10 AM IST

सीबीडीटी ने नोटबंदी से जुड़े संदिग्ध मामलों के आकलन की समयसीमा तीन महीने बढ़ाई

नई दिल्ली: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने गुरुवार को कहा कि उसने नोटबंदी के बाद संदिग्ध रूप से धन जमा करने वाली करीब 87,000 इकाइयों का आयकर आकलन पूरा करने के वास्ते आयकर विभाग के लिये समयसीमा बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'पीटीआई - भाषा' को बताया कि आकलन पूरा करने की मौजूदा समयसीमा 30 सितंबर है. आपरेशन क्लीन मनी (ओसीएम) मामलों में आकलन को पूरा करने में कर अधिकारियों को विभिन्न प्रकार की कठिनाइयां आ रही हैं, जिसे देखते हुए समय सीमा तीन महीने के लिए बढ़ाई गई है.

अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में सीबीडीटी ने गुरुवार को आदेश जारी करके नई समयसीमा 31 दिसंबर तय की है. उन्होंने कहा कि यह दूसरी बार है जब बोर्ड ने समय सीमा बढ़ाई है. पहले अंतिम तिथि 30 जून थी, जिसे बढ़ाकर सितंबर तक किया गया था.

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विभाग ने नोटबंदी के बाद कालेधन पर अंकुश लगाने के लिये 'आपरेशन क्लीन मनी' शुरू किया था. आयकर विभाग के आकलन अधिकारियों ने जुलाई महीने में सीबीडीटी से समयसीमा बढ़ाने की अपील की थी.

उनका कहना था कि काफी कागजी कार्यवाही और कार्यबल को देखते हुए इस कार्य को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करना मुमकिन नहीं है.

Last Updated : Oct 2, 2019, 4:10 AM IST

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