नई दिल्ली:मौजूदा मूल आयकर छूट की सीमा आगामी बजट 2019-20 में 2.5 लाख रुपये से बढ़ाने की संभावना नहीं है, क्योंकि वित्त मंत्रालय ने पहले ही प्रावधान की घोषणा कर दी है, जिसके तहत 5 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्ति धारा 87 ए के तहत कर पर पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
हालांकि, सालाना 5 लाख रुपये कमाने वालों को कर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता होती है, भले ही उनके पास शून्य कर देयता हो. यह जानकारी एक विषय विशेषज्ञ ने दी.
नए वित्त मंत्री से मूल छूट सीमा में 2.50 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की वृद्धि की भारी उम्मीद है.
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हालांकि वेतनभोगी वर्ग के बीच एक उम्मीद है कि मोदी 2.0 सरकार उन्हें वोट देकर सत्ता में लाने का इनाम देगी, लेकिन अधिकारियों ने पहले ही कहा है कि बुनियादी छूट सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने से अंतरिम बजट की घोषणा का उद्देश्य खत्म हो जाएगा.
उनके अनुसार, मूल छूट की सीमा बढ़ाने से कई लोगों को आयकर दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी और इसके परिणामस्वरूप कर फाइलिंग में गिरावट आ सकती है, और कर आधार के विस्तार के उद्देश्य को भी पराजित करेगा.