नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी की मार झेल रही अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का केंद्रीय बजट 2021-22 पेश करने के लिए तैयार हैं.
पिछले कुछ वर्षों से आम बजट के ही साथ रेल बजट भी प्रस्तुत किया जाता है. इस वर्ष भारतीय रेलवे को मेगा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और सुरक्षा कार्यों पर ध्यान देने के लिए बढ़ा हुआ आवंटन प्राप्त होने की संभावना है.
उम्मीद है कि इस साल के बजट में रेलवे को 3-5 प्रतिशत की वृद्धि मिल सकती है. सकल बजटीय सहायता लगभग 80,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है. राष्ट्रीय रेल योजना 2024 को ध्यान में रखते हुए बजट का आवंटन किया जाएगा.
बजट में बुलेट ट्रेन परियोजनाएं प्रमुख आकर्षण का केंद्र होगा, जो रेलवे क्षेत्र में खर्च बढ़ा सकता है. रेल मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय रेल योजना 2024 के मसौदे में, 2051 तक 8,000 किलोमीटर लंबे हाई-स्पीड रेलवे नेटवर्क का प्रस्ताव रखा गया है. मसौदा योजना में पटना-गुवाहाटी, अमृतसर-जम्मू, वाराणसी-पटना और हैदराबाद-बैंगलोर में हाई-स्पीड कॉरीडोर का प्रस्ताव है.
वित्त मंत्री ने पर्यटन और तीर्थ स्थानों पर रेलवे के बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए निजी गाड़ियों के अधिक सेट देने की संभावना है. भारतीय रेलवे ने पहले ही 12 समूहों पर 151 निजी गाड़ियों की घोषणा कर दी है, जिसमें निजी संस्थाओं से लगभग 13,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है.
सुरक्षा बढ़ाने के संदर्भ में, रेलवे को राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष में 20,000 करोड़ रुपये का आवंटन मिलता था. इस साल, रेलवे ने ट्रेनों और रेलवे पटरियों में दुर्घटना निवारक उपायों को मजबूत करने के लिए अगले पांच वर्षों के लिए आवंटन में कम से कम 50 प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग की है.