मुंबई: आम बजट पेश होने के एक सप्ताह पहले भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार खपत मांग और सकल आर्थिक वृद्धि की गति बढ़ाने के लिये संरचनात्मक और ज्यादा वित्तीय उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया.
दास ने कहा कि इन उद्देश्यों को पाने के लिए मौद्रिक नीति की अपनी सीमाएं हैं. नरेंद्र मोदी सरकार अगले शनिवार यानी एक फरवरी को अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करने जा रही है.
आम बजट ऐसे समय पेश किया जा रहा है जबकि सरकार के अग्रिम अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की सांकेतिक वृद्धि दर घटकर 48 साल के निचले स्तर 7.5 प्रतिशत पर आ जाएगी. वहीं वास्तविक वृद्धि दर 11 साल के निचले स्तर पांच प्रतिशत पर रहने का अनुमान है.
दास ने सेंट स्टीफंस कॉलेज के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, "मौद्रिक नीति की अपनी सीमाएं हैं. मांग बढ़ाने और वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए संरचनात्मक सुधार और राजकोषीय उपाय जारी रहने चाहिए."
दास इसी कॉलेज के छात्र रहे हैं. सितंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर छह साल के निचले स्तर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है. दास के इस बयान को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है.