नई दिल्ली: सामाजिक क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने बजट पूर्व बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को आगामी बजट में शिक्षा, स्वच्छता, महिला सुरक्षा और बच्चों के पोषण पर ध्यान देने का सुझाव दिया है.
उन्होंने वित्त मंत्री को मीठे और नमकीन उत्पादों पर ऊंचा शुल्क लगाने, चिकित्सा उपकरणों पर करों को तर्कसंगत बनाने और स्वास्थ्य सेवा ढांचे के लिए विशेष कोष , दवाओं के साथ-साथ डायग्नॉस्टिक सुविधाएं मुफ्त करने का भी सुझाव दिया है.
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बजट 2019: विशेषज्ञों का वित्त मंत्री को सुझाव- शिक्षा, स्वच्छता, महिला सुरक्षा पर हो ज्यादा खर्च
सीतारमण ने कहा कि समावेशी विकास के लिए मौजूदा सरकार शैक्षिक मानकों में सुधार लाने, युवाओं का कौशल बढ़ाने, रोजगार के अवसर बढ़ाने, बीमारी के बोझ को कम करने, महिलाओं को सशक्त बनाने और मानव विकास में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है.
बैठक की शुरुआत में सीतारमण ने कहा कि समावेशी विकास के लिए मौजूदा सरकार शैक्षिक मानकों में सुधार लाने, युवाओं का कौशल बढ़ाने, रोजगार के अवसर बढ़ाने, बीमारी के बोझ को कम करने, महिलाओं को सशक्त बनाने और मानव विकास में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है.
बैठक में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों, शिक्षा, सामाजिक संरक्षण, पेंशन और मानव विकास जैसे अहम विषयों में चर्चा हुई.
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि सामाजिक क्षेत्र के हितधारकों ने शिक्षा पर ध्यान देने, स्वच्छता, महिलाओं की सुरक्षा के खातिर सुरक्षा खामियों की पहचान करने के लिए शहरों का ऑडिट, नवजात शिशुओं के पोषण को लेकर बजट आवंटन बढ़ाने जैसे सुझाव दिए हैं.
बैठक में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च की अध्यक्ष यामिनी अय्यर, हेल्पेज इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी रोहित प्रसाद और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष प्रियंका कानून ने हिस्सा लिया.