नई दिल्ली: वैश्विक स्तर पर नरमी और मानसून की चिंता के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट शुक्रवार को पेश करेंगी. बजट में राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के साथ आर्थिक वृद्धि तथा रोजगार सृजन को गति देने पर सरकार का जोर रह सकता है.
बजट 2019: निर्मला सीतारमण के सामने है ये 10 बड़ी चुनौतियां
बजट में महिला सुरक्षा से लेकर बिजली, पानी और स्वास्थ्य तक से जुड़ी अहम घोषणाएं हो सकती हैं. आइए नजर डालते हैं कुछ संभावित घोषणाओं पर.
बजट 2019: निर्मला सीतारमण के सामने है ये 10 बड़ी चुनौतियां
बजट में महिला सुरक्षा से लेकर बिजली, पानी और स्वास्थ्य तक से जुड़ी अहम घोषणाएं हो सकती हैं. आइए नजर डालते हैं कुछ संभावित घोषणाओं पर.
- बजट में सीतारमण को आर्थिक पहल को जारी रखने पर ध्यान देना सकती. देश के करोड़ों गरीबों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिहाज से यह काफी अहम है.
- मोदी सरकार 2.0 में सरकार बड़े आर्थिक सुधारों के लिए तैयार है. जिसकी झलक बजट में जरूर दिख सकती है.
- नौकरीपेशा लोगों के लिये महत्वपूर्ण आयकर के मोर्चे पर कर स्लैब में बदलाव की उम्मीद की जा रही है.
- मोदी सरकार से इस बार इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर भी बजट में कुछ घोषणा जरूर कर सकती है. दरअसल, अभी बाजार में इलेक्ट्रिक वाहन काफी महंगे हैं. हो सकता है कि सरकार उन पर कुछ सब्सिडी का ऐलान कर दें.
- एयर इंडिया और बीएसएनएल जैसी बड़ी सरकारी कंपनियां डूबने को कर्ज से उबारना नई चुनौती होगी.
- बजट में स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने के लिये उनके लिये कर नीति को और युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव किये जाने की उम्मीद है.
- बजट में अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों या आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों द्वारा आरंभ किये गये उद्यमों को सहायता प्रदान की भी पहल कर सकती हैं.
- पांच सौ करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दर 30% से घटाकर 25% करने की उम्मीद है.
- राजकोषीय स्थिति मजबूत करने के लिये कर दायरा बढ़ाने और अनुपालन बेहतर करने के इरादे से 10 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वालों पर 40 प्रतिशत की एक नई दर से कर लगाया जा सकता है.
- महिला वित्तमंत्री होने के नाते इस बार के बजट सीतारमण महिलाओं के लिए भी कुछ बड़ा निर्णय लिया जा सकता है.
- 2024-25 तक 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनने के लिये सतत रूप से 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की जरूरत होगी. सरकार इसके लिए भी बजट में कुछ नया ला सकती है.