मुंबई : वृद्धि, मुद्रास्फीति और उपभोग की मांग में मौद्रिक नीति के सामान्य होने को लेकर चिंताओं के कारण आने वाला वर्ष पिछले दो वर्ष की तुलना में अधिक जोखिम भरा रह सकता है.
वॉल स्ट्रीट की एक ब्रोकरेज कंपनी ने अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8.2 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया है जिसमें कई जोखिम भरे कारकों को ध्यान में रखा गया है.
बैंक ऑफ अमेरिका सिक्युरिटीज इंडिया के अर्थशास्त्रियों (Bank of America Securities India house economists) ने जीडीपी को लेकर अपने अनुमान में कहा है कि बीते कई वर्षों से वृद्धि का मुख्य कारक रही उपभोक्ता मांग का पटरी से उतरना सबसे बड़ा जोखिम है. उनका मानना है कि उपभोक्ताओं की मांग अगले वित्त वर्ष में भी विकास का मुख्य कारक बनी रहेगी.