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बड़ी राहत: जीएसटी और आयकर रिटर्न भरने की तिथियां जून के अंत तक बढ़ी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आयकर कानूनों और जीएसटी कानूनों के अनुपालन के लिए अधिकांश तारीखों को बढ़ा दिया है. साथ ही सभी बैंकों ने खाते में न्यूनतम रकम रखने के नियम को फिलहाल के लिए खत्म कर दिया है.

बड़ी राहत: जीएसटी और आयकर रिटर्न भरने की तिथियां जून के अंत तक बढ़ी
बड़ी राहत: जीएसटी और आयकर रिटर्न भरने की तिथियां जून के अंत तक बढ़ी

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Published : Mar 24, 2020, 5:29 PM IST

नई दिल्ली: लाखों आयकर और जीएसटी भुगतान करने वालों को एक बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को आयकर कानूनों और जीएसटी कानूनों के अनुपालन के लिए अधिकांश तारीखों को बढ़ा दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 जून तक बढ़ा दी गई है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कारोबारियों के लिये मार्च, अप्रैल और मई 2020 के जीएसटी रिटर्न और कंपोजिशन रिटर्न की आखिरी तारीख को आगे बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में देरी पर कोई विलंब शुल्क, जुर्माना अथवा ब्याज नहीं लिया जायेगा.

ये भी पढ़ें-कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए आर्थिक पैकेज जल्द: सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "हम ऐसा कर रहे हैं ताकि अनुपालन बोझ को कम किया जा सके ताकि जिन लोगों को कर कानूनों और नियामक कानूनों का अनुपालन करना है उनके पास पर्याप्त समय हो."

वित्त मंत्री ने आधार को पैन कार्ड से जोड़ने की समय सीमा को भी 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून कर दिया.

प्रत्यक्ष कर दाताओं के लिए राहत

सरकार ने आयकर अधिनियम, धन कर अधिनियम, बेनामी लेन-देन अधिनियम, काला धन अधिनियम, विवाद से विश्वास अधिनियम, प्रतिभूति लेनदेन अधिनियम और समान लेवी से संबंधित सभी नियमों की अनुपालन तिथि बढ़ाकर 30 जून कर दी है.

इस वर्ष के बजट में घोषित की गई विवाद से विश्वास योजना कोरोना वायरस की वजह से विवाद से विश्वास स्कीम को भी अब 30 जून कर दिया गया है. 31 मार्च के बाद 30 जून तक कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगेगा. पहले 31 मार्च के बाद इस योजना का लाभ उठाने वाले करदाताओं को 10 प्रतिशत जुर्माना देना पड़ता था लेकिन अब 30 जून तक इस योजना का लाभ उठाने के लिए 10 प्रतिशत जुर्माना माफ कर दिया गया है.

जीएसटी भुगतान करने वालों के लिए राहत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कारोबारियों के लिये मार्च- मई की जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 जून 2020 कर दी है.

उन्होंने यह भी कहा कि पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में देरी पर कोई विलंब शुल्क, जुर्माना अथवा ब्याज नहीं लिया जायेगा. सीतारमण ने मंगलवार को वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये संवाददताओं को संबोधित करते हुये यह घोषणा की.

उन्होंने कहा कि पांच करोड़ रुपये से अधिक कारोबार करने वाली कंपनियों के मामले में 15 दिन के भीतर जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर कोई विलंब शुलक और जुर्माना नहीं लिया जायेगा. ऐसे मामलों में देरी होने पर 9 प्रतिशत की घटी दर पर ब्याज लगाया जायेगा.

कस्टम

आयातित कच्चे माल की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने अगले तीन महीनों के लिए 24 घंटे सातों दिन के लिए कस्टम क्लीयरेंस के कामकाज को सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है.

बैंक ग्राहकों को भी राहत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस संकट के कारण बंदी ने निपटने में मदद के लिए नागरिकों को अब बचत बैंक खातों के लिए न्यूनतम शेषराशि बनाए न रहने पर शुल्क नहीं देना होगा. यह शुल्क माफ कर दिया गया है.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी दूसरे बैंक के एटीएम से नकद निकालने के लिए तीन महीने तक डेबिट कार्डधारकों को कोई शुल्क नहीं देना होगा.

ये दोनों राहतें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के दोनों बैंकों के ग्राहकों को दी जाएंगी.

आर्थिक पैकेज की घोषणा अभी बाकी है

कोविड-19 वायरस के विनाशकारी प्रभाव से निपटने के लिए एक व्यापक आर्थिक राहत पैकेज की संभावित घोषणा के बारे में एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि एक व्यापक आर्थिक पैकेज के विवरण पर काम किया जा रहा है और जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी.

सीतारमण ने कहा कि आर्थिक स्थिति पर हर संभव ध्यान दिया जा रहा है. पीएम खुद स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. मल्टी लेयर टास्क फोर्स पहले से ही काम कर रही है. उद्योग जगत, सांसदों का समूह, शिक्षाविदों का एक समूह, सांसदों का एक समूह जो आर्थिक मुद्दों में रुचि रखते हैं. उन्होंने कहा कि वे उप-समूहों में काम कर रहे हैं और अपने इनपुट दे रहे हैं जिसे ध्यान में रखा जाएगा.

(कृष्णानन्द त्रिपाठी की रिपोर्ट)

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