नई दिल्ली: लाखों आयकर और जीएसटी भुगतान करने वालों को एक बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को आयकर कानूनों और जीएसटी कानूनों के अनुपालन के लिए अधिकांश तारीखों को बढ़ा दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 जून तक बढ़ा दी गई है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कारोबारियों के लिये मार्च, अप्रैल और मई 2020 के जीएसटी रिटर्न और कंपोजिशन रिटर्न की आखिरी तारीख को आगे बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में देरी पर कोई विलंब शुल्क, जुर्माना अथवा ब्याज नहीं लिया जायेगा.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "हम ऐसा कर रहे हैं ताकि अनुपालन बोझ को कम किया जा सके ताकि जिन लोगों को कर कानूनों और नियामक कानूनों का अनुपालन करना है उनके पास पर्याप्त समय हो."
वित्त मंत्री ने आधार को पैन कार्ड से जोड़ने की समय सीमा को भी 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून कर दिया.
प्रत्यक्ष कर दाताओं के लिए राहत
सरकार ने आयकर अधिनियम, धन कर अधिनियम, बेनामी लेन-देन अधिनियम, काला धन अधिनियम, विवाद से विश्वास अधिनियम, प्रतिभूति लेनदेन अधिनियम और समान लेवी से संबंधित सभी नियमों की अनुपालन तिथि बढ़ाकर 30 जून कर दी है.
इस वर्ष के बजट में घोषित की गई विवाद से विश्वास योजना कोरोना वायरस की वजह से विवाद से विश्वास स्कीम को भी अब 30 जून कर दिया गया है. 31 मार्च के बाद 30 जून तक कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगेगा. पहले 31 मार्च के बाद इस योजना का लाभ उठाने वाले करदाताओं को 10 प्रतिशत जुर्माना देना पड़ता था लेकिन अब 30 जून तक इस योजना का लाभ उठाने के लिए 10 प्रतिशत जुर्माना माफ कर दिया गया है.
जीएसटी भुगतान करने वालों के लिए राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कारोबारियों के लिये मार्च- मई की जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 जून 2020 कर दी है.
उन्होंने यह भी कहा कि पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में देरी पर कोई विलंब शुल्क, जुर्माना अथवा ब्याज नहीं लिया जायेगा. सीतारमण ने मंगलवार को वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये संवाददताओं को संबोधित करते हुये यह घोषणा की.