मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को देश के बैंकों से ऋण देने में विवेकपूर्ण व्यवहार करने को कहा.
मिंट वार्षिक बैंकिंग कॉन्क्लेव में बोलते हुए दास ने कहा कि ऋण देते समय मूल्यांकन की गुणवत्ता महत्वपूर्ण है.
भारत में बैंक तीव्र गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की समस्या का सामना कर रहे हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) का एनपीए 30 सितंबर 2019 तक 7.27 लाख करोड़ रुपये रहा.
हालांकि यह वित्त वर्ष 2017-18 के अंत में लगभग 9 लाख करोड़ रुपये एनपीए की तुलना में गिरावट दिखाता है लेकिन यह अभी भी दुनिया में उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है.
प्रमुख चुनौती - ऋण वृद्धि को धीमा करना
दास ने कहा कि विकास दर धीमी होना एक बड़ी चुनौती है जिसका सामना बैंकों को वर्तमान में करना पड़ रहा है.