नई दिल्ली : बैंकिंग क्षेत्र की गैर-निष्पादक आस्तियां (एनपीए) या फंसे ऋण मार्च 2018 के 10.36 लाख करोड़ के अपने उच्च स्तर से सितंबर 2020 के अंत तक घटकर 8.08 लाख करोड़ रुपये रह गये यीं. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी.
ठाकुर ने कहा कि सरकार की कई पहलों के चलते एनपीए में कमी आयी है. उन्होंने एक लिखित उत्तर में कहा कि आस्ति-गुणवत्ता समीक्षा (एक्यूआर) और बैंकों द्वारा बाद में संकट की पहचान करने में पारदर्शी से संकट में फंसे खातों को एनपीए के रूप में पुनर्वर्गीकृत किया गया था.