नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कि ओर से पहले दौर में एसएमई और अन्य क्षेत्रों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करने के बाद अर्थव्यवस्था के अन्य तनावग्रस्त क्षेत्रों विशेषकर रियल एस्टेट क्षेत्र को आर्थिक पैकेज से काफी उम्मीदें हैं. रियल एस्टेट क्षेत्र कोविड-19 महामारी के प्रकोप से पहले ही दबाव में थे.
दो रियल एस्टेट डेवलपर्स ने ईटीवी भारत को बताया, "हमें उम्मीद है कि सरकार एसएमई सेक्टर को दी गई राहत की तर्ज पर रियल एस्टेट सेक्टर के लिए रियायती ऋण सहित समान रियायतों की घोषणा करेगी."
प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा के पहले दौर में निर्मला सीतारमण ने रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए दो राहत की घोषणा की थी. सीतारमण ने कहा था कि केंद्र सरकार राज्यों को परमिट, लाइसेंस की वैधता बढ़ाकर अनुपालन बोझ कम करने का काम करेगी.
रियल एस्टेट डेवलपर्स ने बताया, "अनुपालन बोझ में छूट ठीक है लेकिन हम रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए पूरा पैकेज देखना चाहेंगे. हम उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही और ठोस उपायों की घोषणा की जाएगी."
दिल्ली-एनसीआर स्थित एटीएस समूह ने एसएमई क्षेत्र के लिए राहत पैकेज का भी स्वागत किया और रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए भी इसी तरह की राहत मांगी.
एटीएस इंफ्रास्ट्रक्चर के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक गेटम्बर आनंद ने कहा, "यह हर किसी के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है. हमें उम्मीद है कि अगली घोषणा अन्य उद्योगों को भी कवर करेगी."
अनुपालन बोझ को आसान बनाने के अलावा निर्मला सीतारमण ने एनबीएफसी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और माइक्रो फाइनेंसिंग संस्थानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की निवेश योजना की भी घोषणा की थी.
उन्होंने एनबीएफसी के लिए मौजूदा 45 हजार करोड़ रुपये की आंशिक गारंटी योजना के विस्तार की भी घोषणा की. एनबीएफसी और एचएफआई दोनों रियल एस्टेट परियोजनाओं को उधार देते हैं. इसलिए अचल संपत्ति क्षेत्र को घोषणा के पहले दौर से लाभ होने की उम्मीद है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है क्योंकि क्षेत्र के विशिष्ट ठोस उपायों की घोषणा की जानी बाकी है.
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गेटम्बर आनंद ने कहा कि, "जैसा कि उन्होंने एसएमई को तरलता दी है, रियल एस्टेट को भी तरलता की आवश्यकता है. हम लोन की सुविधा की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने (सरकार ने) एसएमई सेक्टर को आगे बढ़ाया है. रियल एस्टेट सेक्टर को इसकी जरूरत है."