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वित्त मंत्रालय ने जेटली को किया याद, कहा- जीएसटी लागू करने में निभाई थी अहम भूमिका

पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की पहली पुण्यतिथि पर वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कई ट्वीट कर जीएसटी की उपलब्धियां गिनाईं. वित्त मंत्रालय ने कहा है कि जीएसटी की वजह से कर दरें घटी हैं. साथ की इसकी वजह से करदाताओं का आधार दोगुना होकर 1.24 करोड़ पर पहुंच गया है. बता दें कि देश में जीएसटी को एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था. तब दिवंगत अरुण जेटली देश के वित्त मंत्री थे.

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Published : Aug 24, 2020, 12:57 PM IST

Updated : Aug 24, 2020, 2:13 PM IST

जीएसटी की वजह से कर दरें घटीं, करदाताओं की संख्या दोगुनी हुई : वित्त मंत्रालय
जीएसटी की वजह से कर दरें घटीं, करदाताओं की संख्या दोगुनी हुई : वित्त मंत्रालय

नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की पहली पुण्यतिथि पर वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कई ट्वीट किए. वित्त मंत्रालय ने कहा है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की वजह से कर दरें घटी हैं, जिससे अनुपालन बढ़ाने में मदद मिली है. साथ की इसकी वजह से करदाताओं का आधार दोगुना होकर 1.24 करोड़ पर पहुंच गया है. देश में जीएसटी को एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था.

वित्त मंत्रालय ने बताया कि वस्तु एवं सेवा कर के मोर्चे पर करदाताओं को बड़ी राहत दी गई है. वित्त मंत्रालय ने व्यापारियों को दी जाने वाली जीएसटी छूट का दायरा दोगुना कर दिया है. अब कारोबारी 40 लाख रुपये तक के सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी में छूट है. मंत्रालय ने बताया कि शुरुआत में यह सीमा 20 लाख रुपये थी.

जेटली की पुण्यतिथि पर वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर गिनाई जीएसटी की उपलब्धियां

वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद से, बड़ी संख्या में वस्तुओं पर कर की दर को नीचे लाया गया. अब तक, 28% की दर लगभग पूरी तरह से व्यसनकारी उत्पादों और विलासिता की वस्तुओं तक सीमित है. 28% के स्लैब की कुल 230 वस्तुओं में से लगभग 200 वस्तुओं को निचले स्लैब में स्थानांतरित कर दिया गया है.

वहीं, निर्माण क्षेत्र, विशेष रूप से आवास क्षेत्र को महत्वपूर्ण राहत प्रदान की गई है. इसे अब 5% की दर पर रखा गया है. किफायती आवास पर जीएसटी कम करके 1% कर दिया गया है. साथ ही कहा कि जीएसटी में सभी प्रक्रियाएं पूरी तरह से स्वचालित हैं. अब तक 50 करोड़ रिटर्न ऑनलाइन भरे गए हैं और 131 करोड़ ई-वे बिल जेनरेट किए गए हैं.

मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी से पहले मूल्यवर्धित कर (वैट), उत्पाद शुल्क और बिक्रीकर देना पड़ता था. सामूहिक रूप से इनकी वजह से कर की मानक दर 31 प्रतिशत तक पहुंच जाती थी.

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मंत्रालय ने कहा, "अब व्यापक रूप से सब मानने लगे हैं कि जीएसटी उपभोक्ताओं और करदाताओं दोनों के अनुकूल है. जीएसटी से पहले कर की ऊंची दर की वजह से लोग करों का भुगतान करने में हतोत्साहित होते थे. लेकिन जीएसटी के तहत निचली दरों से कर अनुपालन बढ़ा है."

मंत्रालय ने कहा कि जिस समय जीएसटी लागू किया गया था उस समय इसके तहत आने वाले करदाताओं की संख्या 65 लाख थी. आज यह आंकड़ा बढ़कर 1.24 करोड़ पर पहुंच गया है. जीएसटी में 17 स्थानीय शुल्क समाहित हुए हैं.

नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में अरुण जेटली वित्त मंत्री थे. मंत्रालय ने ट्वीट किया, "आज हम अरुण जेटली को याद कर रहे हैं. जीएसटी के क्रियान्वयन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही. इतिहास में इसे भारतीय कराधान का सबसे बुनियादी ऐतिहासिक सुधार गिना जाएगा."

मंत्रालय ने कहा कि लोग जिस दर पर कर चुकाते थे, जीएसटी व्यवस्था में उसमें कमी आई है. राजस्व तटस्थ दर (आरएनआर) समिति के अनुसार राजस्व तटस्थ दर 15.3 प्रतिशत है. वहीं रिजर्व बैंक के अनुसार अभी जीएसटी सिर्फ 11.6 प्रतिशत है.

मंत्रालय ने कहा कि आवास क्षेत्र पांच प्रतिशत के कर स्लैब के तहत आता है. वहीं सस्ते मकानों पर जीएसटी की दर को घटाकर एक प्रतिशत कर दिया गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

Last Updated : Aug 24, 2020, 2:13 PM IST

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