नई दिल्ली: कोरोना प्रकोप से देश मांग एवं आपूर्ति जैसे मुद्दों से जूझ रहा है. यह समस्या दूर करने के लिए सरकार एक और बड़े पैकेज की घोषणा कर सकती है. मगर इसकी रूपरेखा तैयार करने व घोषणा किए जाने का समय तय नहीं हुआ है. वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने कहा कि अगला आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पिछले महीने घोषित की गई 1,70,000 करोड़ रुपये की योजनाओं से बड़ा होगा, जो गरीबों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने और कोविड-19 से लड़ने के लिए उनके हाथों में धन प्रदान करने पर केंद्रित है.
अधिकारियों ने कहा, वित्त मंत्रालय नियमित रूप से विभिन्न आर्थिक मंत्रालयों के साथ बातचीत कर रहा है और इस कठिन समय में अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए आवश्यक उपायों पर उनसे इनपुट प्राप्त कर रहा है.
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लॉकडाउन की स्थिति साफ होने के बाद एक ठोस योजना को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा की जा सकती है. सरकार द्वारा घोषित कई उपायों के लॉकडाउन में वांछित परिणाम नहीं मिल सकते हैं.
इस राहत पैकेज में भारत इंक और एसएमई सेगमेंट की चिंताओं पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है और विशेष रूप से वर्तमान लॉकडाउन में कठिनाइयों का सामना कर रहे यात्रा और विमानन क्षेत्रों को राहत प्रदान की जा सकती है.
इसके अलावा कोरोना के प्रकोप से पनपे विपरित हालातों के बीच मांग की स्थिति पर भी गौर किया जा सकता है और उपभोग की प्रमुख वस्तुओं पर शुल्क से राहत मिल सकती है. साथ ही पूंजी बाजार को और मजबूती प्रदान करने के उपायों पर भी विचार किया जा सकता है.
आम जनता के लिए उपभोग की प्रमुख वस्तुओं के उत्पादन में पांच से छह बड़े कॉपोर्रेट घरानों को शामिल करने के सुझाव पर भी काम किया जा सकता है, ताकि देश के नागरिक मांग व आपूर्ति में होने वाले अंतर से परेशानियों का सामना न करें.