मुंबई: रिजर्व बैंक (आरबीआई) आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिये ब्याज दर ढांचे को व्यवस्थित करने की योजना बना रहा है. एक सूत्र ने इसकी जानकारी दी. ऋण बाजार में इस क्षेत्र की 20 प्रतिशत से अधिक भागीदारी है.
सूत्र ने बताया कि एचएफसी या एनबीएफसी के लिये को मुख्य दर अथवा एक समान ब्याज दर की कोई व्यवस्था नहीं है. इन कंपनियों के लिये रिजर्व बैंक की तरफ से ऐसा कोई नियम नहीं बनाया गया है. उसने कहा कि जब बैंकों के लिये किसी बाह्य बेंचमार्क से ब्याज दर को जोड़ने की चर्चा हो रही थी, उसी समय एचएफसी और एनबीएफसी ब्याज दरों को भी एक बाह्य बेंचमार्क से जोड़ने के विषय पर चर्चा हुई.
सूत्र ने कहा, "हमें एनबीएफसी और एचएफसी को शिक्षित करने की जरूरत है तथा उनकी ब्याज दरों में पारदर्शिता की जांच कर रहे हैं. हमें इसे आगे बढ़ाना होगा. हम इस बात का अध्ययन कर रहे हैं कि वे ब्याज दर कैसे निर्धारित करते हैं और यह देखते हैं कि क्या इसके लिये किसी आदेश या संरचना की जरूरत है."