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मासिक रख-रखाव शुल्क 7,500 रुपये से अधिक हुआ, तो फ्लैट मालिकों को देना होगा 18 प्रतिशत जीएसटी

नियमों के अनुसार यदि प्रति फ्लैट मासिक शुल्क 7,500 रुपये से अधिक बैठता है और सेवाओं और वस्तुओं की आपूर्ति के जरिये आरडब्ल्यूए का सालाना कारोबार 20 लाख रुपये से अधिक होता है, तो आरडब्ल्यूए को अपने सदस्यों से जीएसटी का संग्रह करना होगा.

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Published : Jul 23, 2019, 4:49 PM IST

Updated : Jul 23, 2019, 5:17 PM IST

मासिक रख-रखाव शुल्क 7,500 रुपये से अधिक हुआ, तो फ्लैट मालिकों को देना होगा 18 प्रतिशत जीएसटी

नई दिल्ली: रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) को 7,500 रुपये से अधिक का मासिक रखरखाव शुल्क देने वाले फ्लैट मालिकों को अब 18 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) भी देना होगा. वित्त मंत्रालय ने सोमवार को यह बात कही.

नियमों के अनुसार यदि प्रति फ्लैट मासिक शुल्क 7,500 रुपये से अधिक बैठता है और सेवाओं और वस्तुओं की आपूर्ति के जरिये आरडब्ल्यूए का सालाना कारोबार 20 लाख रुपये से अधिक होता है, तो आरडब्ल्यूए को अपने सदस्यों से जीएसटी का संग्रह करना होगा.

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वित्त मंत्रालय ने रखरखाव शुल्क प्रति सदस्य 7,500 रुपये से अधिक होने पर अपने फील्ड कार्यालयों के लिए सर्कुलर जारी किया है कि कैसे आरडब्ल्यूए जीएसटी की गणना कर सकते हैं. वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि मासिक रखरखाव शुल्क में जीएसटी की छूट उसी स्थिति में मिलेगी जबकि यह प्रति सदस्य 7,500 रुपये से कम हो.

मंत्रालय ने कहा कि यदि यह शुल्क 7,500 रुपये से अधिक है तो पूरी राशि पर ही जीएसटी लगेगा.

यदि किसी व्यक्ति के हाउसिंग सोसायटी या आवासीय परिसर में दो या अधिक फ्लैट हैं तो 7,500 रुपये की सीमा प्रति फ्लैट के हिसाब से होगी. मसलन दो फ्लैट वाला व्यक्ति 7,500-7,500 कुल 15,000 रुपये का मासिक रखरखाव शुल्क देता है, तो उसे प्रत्येक फ्लैट के हिसाब से कोई जीएसटी नहीं देना होगा.

Last Updated : Jul 23, 2019, 5:17 PM IST

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