नई दिल्ली :थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में मामूली रूप से बढ़कर 11.39 प्रतिशत हो गई है. जिसका मुख्य कारण विनिर्मित वस्तुओं की ऊंची कीमतें थीं, जबकि, खाद्य पदार्थों की कीमतों में कम हो गई थी. दो महीने की सहजता की प्रवृत्ति को तोड़ते हुए थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति अगस्त में बढ़ी और लगातार पांचवें महीने दोहरे अंकों में रही.
बता दें कि जुलाई 2021 में WPI मुद्रास्फीति 11.16 प्रतिशत थी और अगस्त 2020 में, WPI मुद्रास्फीति 0.41 प्रतिशत थी. अगस्त 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से गैर-खाद्य वस्तुओं, खनिज तेलों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, मूल धातुओं जैसे विनिर्मित उत्पादों, खाद्य उत्पादों, वस्त्रों, रसायनों और रासायनिक उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि का कारण है.
पिछले वर्ष के इसी महीने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति लगातार चौथे महीने कम हुई है. अगस्त में 1.29 प्रतिशत दर्ज की गई है, जुलाई में शून्य प्रतिशत रही है.
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