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वोडाफोन आइडिया का पहली तिमाही में घाटा गिरकर 4,873.9 करोड़ रुपये रहा

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Published : Jul 26, 2019, 10:12 PM IST

समीक्षावधि में वोडाफोन आइडिया की कुल आय 11,269.9 करोड़ रुपये रही जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 11,775 करोड़ रुपये थी. 2016 में रिलायंस जियो के बाजार में उतरने के बाद से भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड जैसी प्रमुख दूरसंचार सेवाप्रदाता कंपनियां शुल्क दरों को लेकर कड़ी प्रतिस्पर्धा कर रही हैं.

वोडाफोन आइडिया का पहली तिमाही में घाटा गिरकर 4,873.9 करोड़ रुपये रहा

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवाप्रदाता कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड का पहली तिमाही में एकीकृत घाटा मामूली तौर पर घटकर 4,873.9 करोड़ रुपये रहा. कंपनी को वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में 4,881.9 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था.

शेयर बाजार को दी जानकारी में कंपनी ने बताया कि वोडाफोन समूह और आइडिया सेल्युलर का विलय 31 अगस्त 2018 को पूरा हुआ. ऐसे में 2018-19 के अप्रैल-जून अवधि के परिणाम की तुलना इस वर्ष की इसी अवधि के परिणाम से नहीं की जा सकती है.

समीक्षावधि में वोडाफोन आइडिया की कुल आय 11,269.9 करोड़ रुपये रही जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 11,775 करोड़ रुपये थी. गौरतलब है कि 2016 में रिलायंस जियो के बाजार में उतरने के बाद से भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड जैसी प्रमुख दूरसंचार सेवाप्रदाता कंपनियां शुल्क दरों को लेकर कड़ी प्रतिस्पर्धा कर रही हैं.

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कंपनी का कहना है कि पहली तिमाही में उसकी आय त्रैमासिक आधार पर 4.3 प्रतिशत गिरी है. इसकी वजह अधिकतर उपभोक्ताओं द्वारा 'सेवा मान्यता वाउचर्स' की ओर मुड़ना है. साथ ही प्रति व्यक्ति औसत आय में भी गिरावट का रुख रहा है. कंपनी ने बताया कि उसने 25,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं और अब अपना राइट्स इश्यू बंद कर दिया है.

वोडाफोन आइडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बालेश शर्मा ने कहा, "हम अपनी तय रणनीति के अनुरूप काम कर रहे हैं यद्यपि हमारे कारोबार में इसका लाभ अभी नहीं दिख रहा है. हम अपने नेटवर्क को एकीकृत करना जारी रखेंगे. हमारे उपभोक्ताओं का डाटा अनुभव अधिकतर सेवा क्षेत्रों में बेहतर हो रहा है."

कंपनी ने बताया कि समीक्षावधि में कंपनी का पूंजीगत खर्च 2,840 करोड़ रुपये रहा. वहीं 30 जून 2019 तक उसका सकल ऋण 12,044 करोड़ रुपये रहा. इस दौरान कंपनी के उपयोक्ताओं की संख्या घटकर 32 करोड़ रही जो पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 33.41 करोड़ थी.

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