मुंबई : महामारी के बादल छंटने के बीच विस्तारा एयरलाइन ने कहा है कि भारत से और भारत के लिए अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें लंबे समय तक स्थगित रहने से ज्यादातर एयरलाइंस की वित्तीय सेहत प्रभावित हो रही है. इसके साथ ही विस्तारा ने आगाह किया कि विमानन क्षेत्र के संकट से बाहर आ जाने का निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी ही होगी.
विस्तारा के मनोनीत मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनोद कन्नन ने कहा कि विमानन क्षेत्र के पुनरुद्धार की सभी भविष्यवाणियां गलत साबित हुई हैं. यह कहना जल्दबाजी होगी कि भारतीय विमानन उद्योग पूरी तरह से संकट से बाहर आ चुका है.
विस्तारा ने महामारी के दौरान आठ अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए उड़ानें शुरू की हैं. कुछ देशों में संक्रमण बढ़ने के बीच इस अप्रत्याशित स्थिति में भी एयरलाइन ने 'कुशल' तरीके से परिचालन का रुख अपनाया हुआ है.
घरेलू मोर्चे पर हवाई यातायात कोविड-19 से पहले के स्तर के पास पहुंच चुका है. एक साल पहले की तुलना में घरेलू स्तर पर हवाई यातायात 70 प्रतिशत बढ़ा है.
कन्नन ने कहा, 'अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय परिचालन के लंबे समय तक निलंबित रहने से ज्यादातर एयरलाइंस की वित्तीय सेहत प्रभावित हो रही है, जिससे उनकी आमदनी पर दबाव बढ़ रहा है.' कन्नन ने ई-मेल के जरिये दिए इस साक्षात्कार में कहा, 'हालांकि दुनियाभर में टीकाकरण से सकारात्मकता पैदा हुई है, लेकिन स्थिति अभी अप्रत्याशित है.' कन्नन अभी विस्तारा के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी (सीसीओ) हैं.
उन्होंने कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लगातार यात्रा पाबंदियों की वजह से अंतरराष्ट्रीय खंड में मांग का पुराने स्तर पर पहुंचना अभी काफी दूर है.