नई दिल्ली: वीडियोकॉन समूह की 13 कंपनियों को दिवाला प्रक्रिया से बाहर निकालने के लिए धूत परिवार ने ऋणदाताओं को 30,000 करोड़ रुपये अदा करने की पेशकश की है.
वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के निलंबित बोर्ड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक वेणुगोपाल धूत ने पीटीआई-भाषा से कहा कि ऋणदाताओं के बकाया कर्ज को चुकाने का प्रस्ताव ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) को भेजा गया है.
दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) शुरू होने के बाद कंपनी के बोर्ड को निलंबित कर दिया गया था.
समूह के पूर्ववर्ती प्रवर्तक धूत परिवार को उम्मीद है कि समाधान पेशकश पर अंतिम फैसला इस साल के अंत तक आ जाएगा. इसके लिए जरूरी है कि ऋणदाता और राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) इसपर सहमति हों.
वीडियोकॉन समूह की सीआईआरपी के तहत कुल 15 कंपनियां हैं. इनमें से 13 कंपनियों के लिए यह समाधान या निपटान पेशकश की गई है.
समूह की दो कंपनियां केएआईएल और ट्रेंड इस पेशकश में शामिल नहीं हैं. एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने समाधान की प्रक्रिया को तेज करने और बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने के लिए समूह की 15 कंपनियों को एक साथ 'मिला' दिया था.