नई दिल्ली: टाटा समूह की कंपनियों की प्रवर्तक टाटा संस जल्द ही समूह की प्रमुख कंपनी टाटा मोटर्स में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 43.73 प्रतिशत करेगी. टाटा मोटर्स के 6,500 करोड़ रुपये के प्रस्तावित तरजीही इश्यू में निवेश के बाद यह हिस्सेदारी बढ़ेगी.
पिछले सप्ताह टाटा मोटर्स के निदेशक मंडल ने टाटा संस को तरजीही आधार पर शेयर जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. टाटा मोटर्स में निवेश के इस प्रस्ताव पर शेयरधारकों की अनुमति के लिए असाधारण आम बैठक बुलाई है.
कंपनी के मुताबिक 30 सितंबर 2019 की स्थिति के अनुसार टाटा मोटर्स में टाटा संस की हिस्सेदारी 35.3 प्रतिशत थी. प्रवर्तकों से कोष जुटाने का कारण स्पष्ट करते हुए कंपनी ने कहा कि घरेलू कारोबार में नरमी का रुख है जिसकी वजह से कंपनी की बिक्री, लाभ और नकदी प्रवाह प्रभावित हुआ है.
इससे कंपनी का शुद्ध ऋण भी अव्यवहारिक स्तर तक बढ़ गया. टाटा मोटर्स समूह का शुद्ध ऋण 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचा है जिसमें अकेले टाटा मोटर्स लिमिटेड का ऋण 20,000 करोड़ रुपये है.
टाटा मोटर्स ने कहा, "यद्यपि मध्यम और दीर्घकालिक अवधि में कंपनी भारतीय बाजार को लेकर सकारात्मक है लेकिन निकट अवधि में मांग की स्थिति ठीक नहीं है. बाजार में मंदी की यह स्थिति ऐसे समय आई है जब मौजूदा उत्पादों के साथ साथ भारत चरण-6 के अनुरूप उत्पाद तैयार करने के लिए पूंजीगत खर्च ऊंचा बना हुआ है."