नई दिल्ली: सहारा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए दावा किया है कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) 62,000 करोड़ रुपये जमा करने की मांग कर रही है, जो कि अदालत की अवमानना का एक स्पष्ट मामला है और यह सहारा के खिलाफ सार्वजनिक नाराजगी का एक कारण है.
सहारा इंडिया परिवर ने सेबी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक अवमानना याचिका दायर की है और शीर्ष अदालत से सेबी को उसके आचरण के लिए संबंधित अधिकारियों को दंडित करने की मांग की है.
सहारा का दावा है कि सेबी की ओर से किया गया आवेदन, जिसमें सहारा ओर से 62,602 करोड़ रुपये जमा करने की मांग की गई है, वह बिलकुल गलत है और सेबी ने इस कदम से अदालत की अवमानना की है.
सहारा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने और सहारा के खिलाफ सार्वजनिक आक्रोश फैलाने के लिए सेबी ने आधारहीन और निराधार आवेदन दायर किया है.
सहारा का कहना है कि शीर्ष अदालत ने छह फरवरी, 2017 के अपने आदेश में निर्देश दिया था कि वह मूल राशि के संबंध में चिंतिंत है और ब्याज के मुद्दे पर बाद में संज्ञान लिया जाएगा, लेकिन निर्देशों की अवहेलना करते हुए सेबी ने ब्याज राशि को भी शामिल किया है.