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रिलायंस के केजी बेसिन आर-संकुल से 2020-21 तक गैस उत्पादन शुरू होने की उम्मीद

रिलायंस इंडस्ट्रीज के बंगाल की खाड़ी स्थित केजी-डी6 ब्लाक के आर संकुल गैस फील्ड से वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही में उत्पादन शुरू होने का अनुमान है.

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Published : Apr 20, 2019, 3:20 PM IST

रिलायंस के केजी बेसिन आर-संकुल से 2020-21 तक गैस उत्पादन शुरू होने की उम्मीद

नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा है कि उसके बंगाल की खाड़ी स्थित केजी-डी6 ब्लाक के आर संकुल गैस फील्ड से वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही में उत्पादन शुरू होने का अनुमान है. रिलायंस और उसकी भागीदार ब्रिटेन की बीपी पीएलसी ने केजी-डी6 ब्लाक में गिरते उत्पादन की स्थिति को पलटने के लिये जून 2017 में बड़े पैमाने पर निवेश का कार्यक्रम बनाया था.

कंपनी ने तब खोज किये गये तीन सेट में 40,000 करोड़ रुपये निवेश की घोषणा की थी. इनमें 2020-22 के दौरान चरणबद्ध तरीके से प्रतिदिन 3 से 3.5 करोड़ घन मीटर (एक अरब घन फुट) गैस उत्पादन का अनुमान है. इसमें सबसे पहले आर-संकुल से उत्पादन शुरू होगा.

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रिलायंस ने अपनी चौथी तिमाही के वित्तीय नतीजे के बाद निवेशकों के समक्ष प्रस्तुती में कहा, "आर संकुल का विकास पटरी पर है. उत्पादन वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही से शुरू होने का अनुमान है." कंपनी ने कहा कि कुल छह कुओं में से चार कुओं में काम पूरा हो गया है और पांचवें कुएं की फिलहाल खुदाई हो रही है. पहला अपतटीय ढांचा बनाने का काम जारी है और यह 2019-20 की पहली तिमाही में पूरा होने का अनुमान है. दूसरा सेट उसके आसपास का संकुल (सेटेलाइट) है. इसके लिये सभी बड़े आर्डर दे दिये गये हैं तथा इंजीनियरिंग कार्य जारी है. फील्ड के तीसरे सेट एमजे के लिये खुदाई कार्यों को लेकर प्रक्रिया जारी है.

रिलायंस ने केजी-डी6 क्षेत्र में अब तक 19 गैस खोज की है. इसमें से सबसे बड़े डी-1 और डी-3 से अप्रैल 2009 में उत्पादन शुरू हुआ तथा ब्लाक एमए एकमात्र तेलफील्ड रहा है जिसमें सितंबर 2008 में उत्पादन शुरू किया गया. कंपनी ने प्रस्तुती में कहा कि डी-1 तथा डी-3 से उत्पादन मार्च 2010 में 5.4 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन तक पहुंच गया था जो कि जनवरी-मार्च तिमाही में घटकर 18 लाख घन मीटर प्रतिदिन रह गया. वहीं एमए फील्ड से उत्पादन पिछले साल बंद हो गया.

कंपनी के अनुसार, "फिलहाल डी1 और डी3 क्षेत्रों से उत्पादन हो रहा है और इनके जीवन चक्र को बढ़ाने के लिये हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं." केजी बेसिन डी6 ब्लाक में रिलायंस की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि बीपी के पास 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है. कनाडा की नीको रिर्सोसेस के पास शेष इसमें 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

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