नई दिल्ली: तेल से लेकर दूरसंचार तक विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाले देश के प्रमख उद्योग समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज के पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के शुद्ध लाभ में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई है. हालांकि, इसके साथ ही कंपनी ने देश के सबसे बड़े राइट्स इश्यू की घोषणा की है और कहा है कि सऊदी अरामको के साथ सौदा सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. साथ ही कई रणनीतिक निवेशकों ने कंपनी के डिजिटल प्लेटफॉर्म में हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा जताई है.
वित्त वर्ष 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 37 प्रतिशत घटकर 6,546 करोड़ रुपये पर आ गया. यह पिछले तीन साल का निचला स्तर है. कंपनी के उपभोक्ता केन्द्रित अन्य कारोबार में हुआ लाभ उसके पेट्रोरसायन कारोबार में आई गिरावट की भरपाई नहीं कर पाया, जिससे इसके शुद्ध लाभ में गिरावट आई है.
कंपनी का कहना है कि एकबारगी खर्च की वजह से भी उसका मुनाफा घटा है. कंपनी के निदेशक मंडल ने 53,125 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू को भी मंजूरी दी है. कंपनी का दावा है कि यह देश का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू होगा. इसका मूल्य 1,257 रुपये प्रति शेयर और इश्यू के लिये 1:15 का अनुपात होगा.
पिछले सप्ताह फेसबुक ने रिलायंस की डिजिटल इकाई जियो प्लेटफार्म में 5.7 अरब डॉलर (43,574 करोड़ रुपये) का निवेश करने की घोषणा की है. इस निवेश के बूते कंपनी को उम्मीद है कि वह जून से पहले 1.04 लाख करोड़ रुपये का कोष जुटा पाएगी. इस राशि में फेसबुक द्वारा जियो की 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने और राइट्स इश्यू से मिलने वाली राशि के अलावा कंपनी को ब्रिटेन की बीपी पीएलसी को अपने ईंधन खुदरा कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने से मिली 7,000 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने चौथी तिमाही के नतीजे जारी करते हुए कहा कि आगामी महीनों में उसे और कंपनियों से निवेश मिलेगा. हालांकि, उसने इन कंपनियों का नाम नहीं बताया है. कंपनी ने कहा कि उसके निदेशक मंडल ने समूह में से 75 अरब डॉलर के तेल से रसायन कारोबार को अलग-अलग करने की अनुमति दे दी है. हालांकि, इसके लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण की अनुमति लेनी होगी. इससे कंपनी इस इकाई में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी सऊदी अरब की राष्ट्रीय पेट्रोलियम कंपनी सऊदी अरामको को बेच पाएगी.