नई दिल्ली:उद्योगपति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में 15 प्रतिशत घटकर 9,567 करोड़ रुपये रहा. इस दौरान कारोबार तेल और रसायन क्षेत्र का प्रदर्शन कमजोर रहने से लाभ प्रभावित हुआ है.
हालांकि दूरसंचार जैसे उपभोक्ता से सीधे जुड़े क्षेत्रों में कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहा है. इससे पूर्व पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में उसे 11,262 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था.
कंपनी की ओर से शुक्रवार को शेयर बाजारों को दी सूचना के अनुसार उसकी एकीकृत आय 2020-21 की दूसरी तिमाही में घटकर 1.2 लाख करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले 2019-20 इसी तिमाही में 1.56 लाख करोड़ रुपये थी.
विभिन्न कारोबार में लगी इस कंपनी के तेल और रसायन कारोबार पर दबाव अभी भी बना हुआ है. हालांकि दूरसंचार जैसे ग्राहकों से सीधे जुड़े क्षेत्रों का प्रदशन 'लॉकडाउन' में ढील दिये जाने के साथ बेहतर रहा.
दूरसंचार क्षेत्र में कंपनी ने इस दौरान शुद्ध रूप से 73 लाख नये ग्राहक जोड़े और प्रति उपभोक्ता आय बढ़कर 145 रुपये पहुंच गयी. इससे कंपनी का दूरसंचार कारोबार मजबूत हुआ है. रिलायंस इंडस्ट्रीज की दूरसंचार इकाई जियो समेत डिजिटल सेवाओं का कर पूर्व लाभ 53 प्रतिशत बढ़कर 8,345 करोड़ रुपये रहा.
इसका कारण आय में एक तिहाई से अधिक की वृद्धि होना है. दूसरी तिमाही में 'लॉकडाउन' के बाद बाजार को धीरे-धीरे खोले जाने के साथ खुदरा कारोबार से आय 39,199 करोड़ रुपये के पिछले साल के स्तर पर लगभग स्थिर रही. लेकिन ईबीआईटीडीए (ब्याज, कर, मूल्य ह्रास, एमोर्टाइजेशन पूर्व शुद्ध आय) 14 प्रतिशत घट कर 2,009 करोड़ रुपये रहा.
पेट्रोरसायन कारोबार से आय 23 प्रतिशत घटकर 29,665 करोड़ रुपये रही जबकि कर पूर्व लाभ 33 प्रतिशत घट कर 5,964 करोड़ रुपये रहा. तेल शोधन कारोबार का ईबीआईटीडीए 3,002 करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल इसी अवधि का लगभग आधा है . इसका कारण आय में 36 प्रतिशत की गिरावट है. कंपनी की दो रिफाइनरियों की प्रति बैरल कच्चे तेल को ईंधन में बदलने में कमाई 5.7 डॉलर रही.