मुंबई/नयी दिल्ली: देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का एकीकृत शुद्ध लाभ दिसंबर 2019 को समाप्त तिमाही में 13.5 प्रतिशत बढ़कर 11,640 करोड़ रुपये रहा जो निजी क्षेत्र में एक नया रिकार्ड है. तेल रिफाइनिंग कारोबार में स्थिति बेहतर होने के साथ साथ खुदरा और दूरसंचार उपभोक्ता कारोबार के बेहतर प्रदर्शन से कंपनी का लाभ बढ़ा है.
दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली तेल से लेकर दूरसंचार क्षेत्र में कारोबार कर रही रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शुक्रवार को बयान में कहा कि उसका शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 11,640 करोड़ रुपये रहा. प्रति शेयर लाभ 18.40 रुपये बैठता है.
वर्ष 2018-19 की इसी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 10,251 करोड़ रुपये और प्रति शेयर लाभ 17.3 रुपये था. यह पहली बार है जब किसी निजी कंपनी का लाभ इतना रहा है. इससे पहले, रिलायंस इंडस्ट्रीज का ही चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में शुद्ध लाभ 11,262 करोड़ रुपये था.
सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) को जनवरी-मार्च 2013 में 14,512.81 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. हालांकि कंपनी की एकीकृत आय आलोच्य तिमाही में 1.4 प्रतिशत घटकर 168,858 करोड़ रुपये रही.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, "हमारे पेट्रोलियम कारोबार के तीसरी तिमाही के नतीजों में वैश्विक आर्थिक वातावरण की कमजोरी और तेल बाजार में उथल पथल की झलक दिखती है.... खुदरा कारोबार ने तिमाही दर तिमाही नए आयाम स्थापित करने का सिलसिला बरकारा रखा है."
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उन्होंने कहा कि रिलायंस ने सम्पत्तियों के मूल्य को बाजार में भुनाने की पहले घोषित की गयी पहल को आगे बढ़ाने की दिशा में 'अच्छी प्रगति की है.' पर उन्होंने इसका ब्योरा नहीं दिया. गौरतलब है कि कंपनी ने गत अगस्त में अपने प्रेट्रोलियम कारोबार की कुछ हिस्सेदारी सऊदी अरामकों को बेचने की घोषणा की थी. यह सौदा अगले साल मुकम्मल हो सकता है.