पतंजलि ने रूचि सोया के अधिग्रहण के लिए जुटाए 3,200 करोड़ रुपये - National Company Law Tribunal
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने सितंबर में रूचि सोया के अधिग्रहण को लेकर पतंजलि आयुर्वेद की समाधान योजना को मंजूरी दी थी. पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्णा ने एक बयान में कहा, "कंपनी ने भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के समूह के साथ जरूरी कुल कर्ज की व्यवस्था कर ली है."
नई दिल्ली: बाबा रामदेव की अगुवाई वाली पतंजलि आयुर्वेद ने शुक्रवार को कहा कि उसने ऋण शोधन प्रक्रिया के जरिये रूचि सोया के अधिग्रहण के लिये भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के समूह के साथ 3,200 करोड़ रुपये के कर्ज की व्यवस्था की है.
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने सितंबर में रूचि सोया के अधिग्रहण को लेकर पतंजलि आयुर्वेद की समाधान योजना को मंजूरी दी थी.
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पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्णा ने एक बयान में कहा, "कंपनी ने भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के समूह के साथ जरूरी कुल कर्ज की व्यवस्था कर ली है."
कंपनी के अनुसार उसे एसबीआई से 1,200 करोड़ रुपये, पंजाब नेशनल बैंक से 700 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 600 करोड़ रुपये, सिंडिकेट बैंक 400 करोड़ रुपये और इलाहबाद बैंक से 300 करोड़ रुपये मिले हैं.
रूचि सोया दिसंबर 2017 में ऋण शोधन प्रक्रिया में गयी थी.