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अनिल अंबानी के खिलाफ एसबीआई की याचिका पर एनसीएलटी से फैसला सुरक्षित रखा

एसबीआई ने दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की धारा 97 (3) के तहत न्यायाधिकरण में अपील की है जिसमें अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली परिसंपत्तियों का मूल्यांकन करने के लिए एक समाधान पेशेवर (आरबी) नियुक्त करने का दिवालिया बोर्ड को निर्देश देने का अनुरोध किया है.

अनिल अंबानी के खिलाफ एसबीआई की याचिका पर एनसीएलटी से फैसला सुरक्षित रखा
अनिल अंबानी के खिलाफ एसबीआई की याचिका पर एनसीएलटी से फैसला सुरक्षित रखा

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Published : Jun 30, 2020, 11:00 PM IST

मुंबई: राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने मंगलवार को अनिल अंबानी के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा.

एसबीआई ने दिवालिया कानून के व्यक्तिगत गारंटी उपबंध के तहत अंबानी से 1,200 करोड़ रुपये की वसूली के लिए यह याचिका दायर की थी.

एसबीआई ने दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की धारा 97 (3) के तहत न्यायाधिकरण में अपील की है जिसमें अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली परिसंपत्तियों का मूल्यांकन करने के लिए एक समाधान पेशेवर (आरबी) नियुक्त करने का दिवालिया बोर्ड को निर्देश देने का अनुरोध किया है.

अनिल अंबानी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस इंफ्राटेल को दिए गए कर्ज के लिए व्यक्तिगत गारंटी दी थी. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायिक सदस्य मोहम्मद अजमल और एक तकनीकी सदस्य रविकुमार की खंडपीठ ने आदेश सुरक्षित रखा.

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अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह की प्रमुख कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस ने 2019 की शुरुआत में दिवालियापन के लिए आवेदन किया था. रिलायंस कम्यूनिकेशन्स ने 2019 अपने को दिवालिया घोषित किए जाने का आवेदन किया था.

भारतीय स्टेट बैंक ने कंपनी के रिण के समाधान की एक योजना प्रस्तुत की थी जिसमें ऋणदाताओं को अपने बकाए की 23,000 करोड़ की राशि की वसूली होने का अनुमान था. यह राशि उनके कुल बकाए की करीब आधी है.

(पीटीआई-भाषा)

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