एनसीएलटी ने जेट एयरवेज से जुड़ी सुनवाई 20 जून तक स्थगित की
जेट एयरवेज को एनसीएलटी में घसीटने वाले दो परिचालकीय ऋणदाताओं शमन व्हील्स और गग्गर एंटरप्राइजेज को न्यायाधिकरण ने एयरलाइन को फिर से कानूनी नोटिस भेजने को कहा है.
मुंबई: राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने जेट एयरवेज के दिवाला एवं शोधन अक्षमता से जुड़े मामले की सुनवाई 20 जून तक टाल दी है. जेट एयरवेज को एनसीएलटी में घसीटने वाले दो परिचालकीय ऋणदाताओं शमन व्हील्स और गग्गर एंटरप्राइजेज को न्यायाधिकरण ने एयरलाइन को फिर से कानूनी नोटिस भेजने को कहा है.
न्यायाधिकरण ने अब तक दिवाला प्रक्रिया से जुड़ी इस याचिका को सुनवायी के लिए दाखिल नहीं किया है. इन दोनों कंपनियों ने 10 जून को एयरलाइन के खलाफ मामला डाला था. जेट एयरवेज पर शमन व्हील्स की 8.74 करोड़ रुपये और गग्गर एंटरप्राइजेज की 53 लाख रुपये की देनदारी है.
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जेट एयरवेज पर भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के समूह का 8,000 करोड़ रुपये का, आपूर्तिकर्ताओं का कुल 10,000 करोड़ रुपये और कर्मचारियों के वेतन का 3,000 करोड़ रुपये का बकाया है.