भारत में पांच साल में एक अरब डॉलर निवेश करेगी मास्टरकार्ड - Card Payment Service
मास्टरकार्ड पहले ही पिछले पांच साल में भारतीय बाजार में एक अरब डॉलर का निवेश कर चुकी है. एक अरब डॉलर के निवेश में से 30 करोड़ डॉलर का उपयोग भारत प्रौद्योगिकी केंद्र के विकास में किया जाएगा.
नई दिल्ली: कार्ड भुगतान सेवा और प्रौद्योगिकी क्षेत्र की वैश्विक कंपनी मास्टरकार्ड अगले पांच साल में देश में एक अरब डॉलर (करीब 7,000 करोड़ रुपये) निवेश करेगी. साथ ही कंपनी की भारत को अपने मंच के लिये विश्व का प्रमुख प्रौद्योगिकी केंद्र बनाने की योजना है. कंपनी ने सोमवार को इसकी घोषणा की.
मास्टरकार्ड पहले ही पिछले पांच साल में भारतीय बाजार में एक अरब डॉलर का निवेश कर चुकी है.
कंपनी के सह-अध्यक्ष (एशिया प्रशांत) एरी सरकार ने कहा, "पिछले पांच साल में हमने भारत में करीब एक अरब डॉलर का निवेश किया है. भारतीय अर्थव्यवस्था में हमारे बढ़ते विश्वास को देखते हुए हम आने वाले दशक में यहां निवेश बढ़ाएंगे. हम भारत में एक अरब डॉलर (अगले पांच साल में) और निवेश करेंगे."
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उन्होंने कहा कि इस निवेश का महत्वपूर्ण पहलू यह है कि मास्टरकार्ड भारत को अपने वैश्विक मंचों के लिये एक प्रमुख वैश्विक प्रौद्योगिकी केंद्र बना रही है.
इस निवेश से नवप्रर्वतन को बढ़ावा देने तथा मास्टरकार्ड को अपनी क्षमता तथा मूल्यवद्धित सेवाओं की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी.
सरकार ने कहा, "भुगतान नेटवर्क के रूप में हम एक वैश्विक नेटवर्क हैं. हमारे सभी सौदे वैश्विक नेटवर्क के सहारे होते हैं जिसमें प्रौद्योगिकी केंद्र अमेरिका में हैं और अब अमेरिका के बाहर भारत पहला देश है जहां वैश्विक प्रौद्योगिकी केंद्र होगा."
भारत को प्रौद्योगिकी केंद्र बनाने का मतलब है कि कंपनी की प्रसंस्करण सेवाएं, सत्यापन सेवाएं समेत अन्य सभी सेवाएं भारत में ही होंगी.
एक अरब डॉलर के निवेश में से 30 करोड़ डालर का उपयोग भारत प्रौद्योगिकी केंद्र के विकास में किया जाएगा.
उन्होंने कहा, "हम अपनी क्षमता भी बढ़ा रहे हैं. हम भागीदारी पर भी गौर कर रहे हैं. हम यह भी मान रहे हैं कि भारत में वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में वृद्धि उत्साहजनक है."
देश में डिजिटल भुगतान के लिये कार्ड पसंदीदा माध्यम है. आरबीआई के आंकड़े के अनुसार देश में फरवरी 2019 के अंत तक 99.06 करोड़ कार्ड थे. इसमें 4.6 करोड़ क्रेडिट कार्ड तथा 94.5 करोड़ डेबिट कार्ड थे.